साहिब श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबजादों के बलिदान दिवस को बाल दिवस के रूप में मनाया जाने की जीवन गुप्ता ने प्रधानमंत्री मोदी से की माँग
अमृतसर / चंडीगढ़: 15 नवंबर (राजिंदर धानिक ) : 20 नवंबर को मनाए जाने वाले बाल दिवस को तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा जबरन 14 नवंबर को मनाए जाने व इस दिवस को पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के देहांत के बाद इसमें बदलाव के षड्यंत्र को खत्म करने तथा इस बाल दिवस को सरवंश दानी साहिबे कमाल साहिब श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबजादे बाबा जोरावर सिंह जी व बाबा फ़तेह सिंह जी के शहीदी दिवस पर मनाए जाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महासचिव जीवन गुप्ता ने प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी को पत्र लिख कर माँग की है।
जीवन गुप्ता ने इस संबंधी मीडिया से बात करते हुए कहा कि भारत में बाल दिवस 1964 से 14 नवम्बर को मनाया जाता है, जबकि इससे पहले 20 नवम्बर इसके लिए निश्चित होता था। इस दिवस में तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के देहांत के उपरांत जबरन बदलाव किया गया। ज्ञात रहे कि चीन में यह दिवस 1 जून को, जर्मनी में 20 सितम्बर व मेक्सिको में 30 अप्रैल को मनाया जाता है। इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को चाचा कब से और क्यूँ कहा जाने लगा, इसका ना तो कोई आधिकारिक प्रमाण है और ना ही इसके व्यवहार में आने का समय पता है।
जीवन गुप्ता ने कहा कि भारत भूमि पर हर दिवस का कोई न कोई महत्व है, जो हम सभी को प्रेरणा भी देता है। यदि बाल दिवस को 14 नवम्बर के स्थान पर सरवंश-दानी साहिबे कमाल साहिब श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह जी व बाबा फ़तेह सिंह जी के शहीदी दिवस पर मनाया जाए, तो बहुत ही अच्छा होगा। भारत के इतिहास में कई बाल शहादतें हुई हैं, परन्तु देश व धर्म की रक्षा के लिए इतना साहसिक विलक्षण बलिदानी विवरण दूसरा कोई नहीं मिलता। इससे हमारी युवा पीढ़ी को भारत सहित पंजाब के महान इतिहास के साथ ही देश व धर्म की रक्षा की प्रेरणा भी मिलेगी। जीवन गुप्ता ने प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी से माँग की कि ऐसे महत्वपूर्ण दिवस को किसी भी तरह से राजनीति से प्रेरित होने से दूर किया जाए तथा साहिबजादों के बलिदान दिवस को बाल दिवस के रूप में मनाया जाए, जो कि देश व धर्म रक्षा के लिए सर्वस्व न्यौछावर करने वाले साहिब श्री गुरु गोबिंद सिंह जी व उनके साहिबजादों को यह सच्ची श्रद्धांजलि होगी।