संघर्ष दौरान 800 शहीद किसानों की शहादत नहीं भुलाई जायेगी -अमरबीर सिंह ढोट
अमृतसर,19 नवंबर (पवित्र जोत)- पहली पातशाही श्री गुरू नानक देव जी के गुरपर्व पर मोदी सरकार की तरफ से तीन खेती कानूनों को रद्द करने के ऐलान के साथ पिछले कई महीनों से तीखा संघर्ष कर रहे किसानों की जीत हुई है। किसानों के देश विदेशों में चल रहे तीखे संघर्ष के चलते केंद्र सरकार घुटने टेकने के लिए मजबूर हुई। इस जीत पर समूह पंजाब निवासी बधाई के पात्र हैं।
इन शब्दों का प्रगटावा सिख स्टूडैंट्स फैडरेशन (मेहता) के प्रधान अमरबीर सिंह ढोट की तरफ से किया गया। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कानून रद्द करने का फ़ैसला पहले ले लेते तो करीब 800 किसानों के लिए शहादत नहीं होनी थी। संघर्ष के दौरान शहीद किसानों की शहादत को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। समूह पंजाब,पंजाबी और पंजाबियत की जीत में सहयोग देने वाली सभी किसानी,राजनैतिक, धार्मिक संगठनों के नेता और समूह किसान भाई बधाई के पात्र हैं। देश विदेशों में किसानों के हक में उठी आवाज़ के साथ भी केंद्र सरकार पर पूरा दबाव बना रहा है। खेती बिल रद्द करने के संघर्ष में पूरे देश के किसानों के इलावा ख़ास कर पंजाब के किसानों,महिलाएं और बच्चों की तरफ से अहम योगदान अदा किया गया है। ठंड और गर्मी की परवाह किये बगैर केंद्र की हाकिम सरकार के गलत फ़ैसलों का डट कर मुकाबला किया गया। जिस पर चलते हिमाचल के इलावा हुई चुनाव में करारी हार से डरते और आने वाली मतदान को ध्यान में रखते मोदी सरकार को खेती कानून वापिस लेने के लिए मजबूरन घुटने टेकने पड़े हैं। ढोट ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से सिर्फ़ ऐलान किया गया है। जबकि सैशन के दौरान खेती कानून लोक सभा हाऊस में रद्द करने उपरांत ही संघर्ष का मैदान छोड़ना चाहिए। ढोट ने कहा कि सच्चे पातशाह श्री गुरु नानक देव जी के गुरपर्व के अवतार दिवस पर 3 खेती कानून वापिस लेने पर किसानी संघर्ष की जीत पर समूह पंजाबियों को शुभ कामनाएँ और बधाई भेंट करते हैं।