खेल भावना की जीती जागती मिसाल बना टोकियो ओलम्पिक में ऊँची छलांग का मुकाबला: मट्टू

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अमृतसर 5 अगस्त (राजिंदर धानिक) : ज़िले के प्रसिद्ध खेल प्रोमोटर और समाज सेवक,सरहद -ऐ -पंजाब स्पोर्टस क्लब (र) अमृतसर के प्रधान गुरिन्दर सिंह मट्टू ने जानकारी देते कहा कि टोको में चल रही 32वी ओलम्पिक खेल टोकियाे के ओलम्पिक स्टेडियम में’एक ऐसी घटना घटी जिसको देख कर अपने आप आँखें में से पानी बह गया। टोलियो के ओलम्पिक स्टेडियम में बैठे लोग भी आँखें से आंसू साफ करते देखे गए। हुआ यह कर कतर देश का ऊँची छलांग लगाने वाला खिलाड़ी “मुताज़ ईसा बरशिम और इटली का ऊँची लगाने वाला खिलाड़ी “जिअंमारको तम्बरी मुकाबले में बराबर बराबर चल रहे थे।जब दोनों ने बाकी सब से ऊँची छलांग 2.37 मीटर की मार ली थी।दोनों ने इससे अगले निशाने 2.39 मीटर के लिए कोशिश की, परन्तु दोनों नाकाम रहे।इस आखिरी छलांग लगाते समय इटली वाले खिलाड़ी के चोट लग गई। उसके बाद रैफ़री ने दोनों में से पहले और दूसरे स्थान के लिए एक आखिरी कोशिश करने के लिए कहा परन्तु कतर वाला खिलाड़ी “मुताज़ ईसा बरशिम जान गया था कि इटली वाले खिलाड़ी “जिअंमारको तम्बरी के चोट लग चुकी है और वह शायद यह आखिरी कोशिश नहीं कर सकेगा और यदि कोशिश करेगा भी तो जीत नहीं सकेगा।  कतर वाले खिलाड़ी मुताज़ ईसा बरशिम ने रैफ़री को पूछा कर  “क्या सोने तमगा हमें दोनों को नहीं मिल सकता?।रैफ़री  ने खेल नियमों वाली किताब देखी।
उतनी देर तक सब हैरान थे कर क्या हो रह है।आखिर रैफ़री  ने बताया कर  “हां यह संभव है, आपको दोनों को सोने तमगा दिया जा सकता है जब यह बात इटली वाले खिलाड़ी को बतायी गई तो वह एक दम कतर वाले खिलाड़ी के गले जा लगा और उसके आंसू रुक नहीं रहे थे।  चारों तरफ़ ताली की गूँज इस ऐतिहासिक पल को मानती है और एक इतिहास सृजन कर दिया जाता है। यह घटना खेल भावना की, भ्रातृ भाव प्यार की, बराबरता की और इंसानी कदरों की जीती जागती मिसाल बन गई।
इस घटना ने हम सबके लिए एक बहुत बड़ा संदेश दिया है और हमें सबको बहुत बड़ा सबक दिया है ।

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