बेअदबी के आरोपियों को सख़्त सज़ाएं देने प्रति सरकारों की ग़ैर संजीदगी का नतीजा: संत ज्ञानी हरनाम सिंह खालसा

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कशमीर पूरी तरह भारतीय कंट्रोल अधीन है तो फिर सिख बचे और जबरन धर्म परिवर्तन की घटनाएँ क्यों?
अमृतसर 28 जून ( राजिंदर धानिक ) दमदमी टकसाल के प्रमुख और संत समाज के प्रधान संत ज्ञानी हरनाम सिंह खालसा ने कहा कि श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी के पवित्र स्वरूप की बेअदबी की घटनाओं को न रोका गया तो पंजाब का माहौल बिगड़ेगा जिस के लिए केंद्र और पंजाब सरकार ज़िम्मेदार होगी। उन्होंने ज़िला संगरूर के गाँव जौलिया में एक औरत की तरफ से गुरू घर के अंदर दरबार साहिब को आग लगाने के साथ श्री गुरु ग्रंथ साहब जी के पवित्र स्वरूप की हुई बेअदबी की सख़्त शबदों में निषिद्धता की। प्रो सरचांद सिंह के मुताबिक दमदमी टकसाल प्रमुख ने रोष प्रकट करते कहा कि केंद्र और राज्य सरकार ने बेअदबी की घटनाएँ को कभी भी गंभीरता के साथ नहीं लिया, न ही सम्बन्धित आरोपियों को सख़्त सज़ाएं दीं गई हैं, सरकारों की इन लापरवाहियों और ग़ैर संजीदगी का यह नतीजा है कि समाज विरोधी और गलत तत्वों की तरफ से सिखों के दिलों को ठेस पहुँचाने के लिए श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पवित्र सरूपों की लगातार बेदबी की जा रही हैं। उन्होंने सरकार को बेअदबी मामलों में सख़्त कार्यवाही करने के लिए कहा जिससे दोबारा कोई ऐसा करने की हिम्मत न करे।
दमदमी टकसाल के प्रमुख ने कशमीर वादी में दो सिख लड़कियाँ को अगवा करके धर्म परिवर्तन करवा कर एक के साथ निकाह करने की कोशिश का भी सख़्त नोटिस लिया और कहा कि कशमीर अब पूरी तरह भारत सरकार के कंट्रोल में है, फिर सिख भाईचारो के लिए यह दुखदायक घटनाएँ क्यों घट रही हैं? जो सिक्ख भाईचारो के लिए चिंता का विषय है और कशमीर वादी में सिख तनाव पूर्ण और दबाव अधीन रहने के लिए मजबूर हैं। उन्होंने इस मामले में केंद्र सरकार और जम्मू -कशमीर के उप राज्यपाल को तुरंत दख़ल देते पीडित सिख बच्चों को इंसाफ़ देने और भविष्य में ऐसी घटना न घटे इस बात को यकीनी बनाने के लिए सख़्त कदम उठाने की भी अपील की है।

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