अमृतसर 10 मई (पवित्र जोत) : पंजाब के पूर्व डिप्टी स्पीकर प्रो. दरबारी लाल ने केंद्र सरकार द्वारा नए संसद भवन, सेक्रेटेरिएट और अन्य इमारतों के निर्माण पर 20 हजार करोड़ रुपए खर्च करने के फैसले पर सख्त प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि देश में कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए अस्पतालों का निर्माण और इंफ्रास्ट्रक्चर तामिर करने की आवश्यकता है। इस विशाल धन राशि से समूचे देश में 200 से अधिक नए अस्पतालों की तामिर की जा सकती है। जो भविष्य में किसी भी महामारी के फैलने से लोगों के लिए मददगार साबित होंगे। वर्तमान भारतीय संसद का निर्माण कार्य 1911 में शुरू हुआ और 10 वर्षों में पूर्ण का दिया गया। वर्तमान भवन को बने केवल 100 वर्ष के करीब हुआ है और यदि इसमें कोई मुश्किल है तो इसकी मुरम्मत करवाई जा सकती है और नई इमारत की परियोजना को देश हित में स्थगित किया जाए।
प्रो. लाल ने कहा कि विश्व के कई देशों में साढे 400 वर्षों से भी अधिक समय में कई संसदीय भवनों का निर्माण हुआ था, जिनमें नारवे, इंग्लैंड, फ्रांस और कई अन्य देश है। सभी देशों की सरकारें बिना किसी मुश्किल के और बिना उसमें परिवर्तन किए अपने कार्य को खूबसूरत तरीके से सरअंजाम दे रहे है। तो गरीब देश भारत को एक नए संसद भवन की क्या आवश्यकता है, जबकि लोग कोरोना जैसी विनाशकारी महामारी से ग्रस्त है। देश में अस्पतालों की जबरदस्त कमी है। जिसकी वजह से अस्पतालों में मरीजों को न तो बैड मिल रहे है, न आक्सीजन है, न दवा है और न ही अन्य आवश्यकताएं पूरी की जा रही है। देश की जरूरत को ध्यान में रखते हुए यह अति आवश्यक है कि कम से कम 200 मल्टीस्पेशलिटी अस्पतालों का निर्माण किया जा सके। ताकि भविष्य में अगर कोई इस तरह की आपदा आ जाए, तो उसका समाधान किया जा सके। नए अस्पतालों में आक्सीजन प्लांट लगाए जाए, वेंटीलेटर का इंतजाम किया जाए और आवश्यकता अनुसार अन्य सहुलते भी मुहैया की जाए।