अमृतसर 15 जनवरी (पवित्र जोत) : जलविन्दर सिंह पटवारी हलका सुलतानविंड तरफ़ बैनीवाल की तरफ से रजिस्टरी का इंतकाल साल 1982 -83 में होने उपरांत जिस का अमल जमांबन्दी में हो चुका था जिस पर जलविन्दर सिंह पटवारी की तरफ से ज़िला कुलैकटर की प्रवानगी से बिना अब नया इंतकाल दर्ज करके उस के क्षेत्रफल में रजिस्टरी में संशोधन कर दी गई।
इस सम्बन्धित शिकायत प्राप्त होने उपरांत उप मंडल मैजिस्ट्रेट अमृतसर -1की तरफ से पड़ताल की गई। जिस में जलविन्दर सिंह पटवारी की तरफ से बिना कुलैकटर की प्रवानगी लिए बिना जमांबन्दी में अमल हुए इंतकाल का पहले हुए इंतकाल में संशोधन करने के लिए लैड्ड रैवीन्यू एक्ट और लैड्ड रिकार्ड मैनुअल में दर्ज उपबन्दों का उल्लंघन करके दोषी पाया गया। इस के इलावा इस इंतकाल का मकाबला करने वाले कानूगो की तरफ से और तहसीलदार मनजीत सिंह की तरफ से इस बात का कोई नोटिस न लेने करके इस वासिके का पहले इंतकाल दर्ज हो चुका है को भी इस काम में दोषी पाया गया। डिप्टी कमिशनर अमृतसर की तरफ से उप मंडल मैजिस्ट्रेट अमृतसर-1की तरफ से गई पड़ताल के आधार पर इन कर्मचारियों विरुद्ध सख़्त कार्यवाही करते हुए जलविन्दर सिंह पटवारी हलका को तुरंत प्रभाव के साथ मुअत्तल कर दिया गया है और अशोक कुमार रिटायर्ड कानूगो के पैनशनरी लाभ पर रोक लगाते हुए उसे चार्जशीट करने और तहसीलदार मनजीत सिंह को भी इस केस में चार्जशीट करने के लिए सरकार को लिखने का हुक्म दिया है। डिप्टी कमिशनर अमृतसर की तरफ से सभी कर्मचारी और आधिकारियों को यह भी हिदायत की गई है कि कोई भी कर्मचारी और अधिकारी किसी भी नियमों या सरकारी हिदायतें का उल्लंघन करता पाया गया उस विरुद्ध सख़्त से सख़्त कार्यवाही की जायेगी।