डा.ओबराए की मदद से  सुखविन्दर के मृतक शरीर को भी नसीब हुई अपनी मिट्टी

0
40

ट्रस्ट अब तक 211 बदनसीब लोगों के मृतक शरीर पहुँचा चुका है वतन

बेरोज़गारी कारण ही बढ़ रही है मौतों की दर: डा.ओबराए

अमृतसर,8नवंबर (   राजिंदर धानिक    ) – अपने परिवारों को आर्थिक मंदहाली से निकालने के लिए अपने घर,ज़मीनें गहने रख खाड़ी मुल्कों में मज़दूरी करने गए लोगों की हर मुश्किल घड़ी में  रहबर बन सेवा रूपी मदद करने वाले दुबई के प्रसिद्ध कारोबारी और सरबत का भला ट्रस्ट चैरिटेबल ट्रस्ट के सरप्रस्त डा.ऐस.पी.सिंह ओबराए के बड़े यतनों से  कपूरथला के गाँव धालीवाल भेंट के 45 साल के सुखविन्दर सिंह पुत्र नाजर सिंह का मि्तक शरीर आज दुबई से श्री गुरु रामदास अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा अमृतसर में पहुँचा।

        इस सम्बन्धित जानकारी सांझी करते सरबत का भला चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक डा.ऐस.पी.सिंह ओबराए ने बताया कि सुखविन्दर सिंह काफ़ी साल पहले अपने परिवार के आर्थिक हालातों को सुधारने की कोशिश में दुबई मेहनत मज़दूरी करने गया था कि अचानक बीती 21 -22 सितम्बर की रात को दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई थी। उन्होंने ने बताया कि जब परिवार ने उनके साथ संपर्क किया तो उन्होंने तुरंत कार्यवाही करते अपनी दुबई  टीम से सारी कागज़ी कार्यवाही मुकम्मल करवा कर भारतीय दूतावास के सहयोग सदका सुखविन्दर का मृतक शरीर ला कर आज ट्रस्ट की अमृतसर इकाई के प्रधान सुखजिन्दर सिंह हेर, जनरल सचिव मनप्रीत संधू और  वित्त सचिव नवजीत सिंह घई की मौजुदगी में हवाई अड्डे पर परिवार को सौंप दिया है। डा. ओबराए ने बताया कि वह अब तक 211 बदनसीब लोगों के मि्तक शरीर वारिसों तक पहुँचा चुके हैं। उनहोंने यह भी बताया कि ट्रस्ट की तरफ से अपने संकल्प पर पहरा देते हर धर्म,नसल और जाति के इलावा हर क्षेत्र के साथ सम्बन्धित जरूरतमंद और दुखी लोगों की मदद की जाती है। डा. ओबराए अनुसार कुछ दिन पहले ही ट्रस्ट की तरफ से राजस्थान के जैपुर के साथ सम्बन्धित एक नौजवान का मृतक शरीर दुबई से वापस लाया गया था।

       एक सवाल का जवाब देते डा.ओबराए ने बताया कि खाड़ी देशों में प्रवासी कामकाजी लोगों की मौतों की संख्या में हो रहे वृद्धि का मुख्य बड़ा कारण करोना महामारी के कारण काम बंद होना या कम होना है,जिस कारण परेशानी के चलते बहुत से नौजवान या तो आत्म हत्या कर रहे हैं या छोटी उम्र में ही दिल का दौरा पड़ने से उन की मौत हो रही है।

     इस दौरान मृतक देह लेने पहुँचे सुखविन्दर सिंह के करीबी रिश्तेदार स्रवण सिंह, मलकीत सिंह,रुपिन्दर सिंह, कशमीर सिंह,रजिन्दरजीत सिंह  आदि ने सुखविन्दर सिंह की मि्तक देह ले कर आने पर डा.ऐस.पी.सिंह ओबराए का तह दिल से शुकराना करते बताया कि सुखविन्दर का मृतक शरीर वापस लेकर आना उनके बस की ही बात नहीं थी। उन्होंने कहा कि डा.ओबराए की वजह से ही उसके मृतक शरीर को अपनी मिट्टी नसीब हो पाई है।

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY