अब धान की पराली भी खेत में इस्तेमाल करके गेहूं को तैयार किया जा रहा है

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अमृतसर,22 अक्टूबर (पवित्र जोत) : पानी और श्रम को बचाने के लिए, इस बार कृषि विभाग की मदद से, किसानों द्वारा धान की सीधी बुवाई आम किसानों द्वारा की गई है, जो परंपरागत रूप से कद्दू के साथ कद्दू का पौधा लगाते हैं। उच्च उपज ऐसे प्रगतिशील किसान अब पुआल की अच्छी देखभाल कर रहे हैं और इसे खेतों में फैलाकर अगली फसल के लिए तैयार कर रहे हैं जो गेहूं है। आज ए डी ओ तेजबीर सिंह ने अटारी के खेतों में किसान हरपाल सिंह के साथ चर्चा की इस खुशी को वीडियो के जरिए सभी के साथ साझा किया गया। इस अवसर पर किसान हरपाल सिंह ने कहा कि इस बार हमने पर्यावरण और पानी को बचाने के लिए एक बड़े क्षेत्र में सीधे धान बोया है। जो सफल रहा। उन्होंने कहा कि हमने 1 जून को सीधे धान की 1509 किस्मों की बुवाई की थी और पहली सिंचाई 17 दिन बाद की थी। “हमने कद्दू के साथ क्या लगाया,” उन्होंने कहा

इसमें 17 क्विंटल प्रति एकड़ और 24 क्विंटल सीधी बुवाई हुई। उन्होंने कहा कि इससे पानी, श्रम और रसायनों की बचत होगी। उसने कहा कि अब हम स्ट्रॉ में आग लगाए बिना सुपर साइडर के साथ गेहूं बो रहे हैं। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे गेहूं के डंठल और पराली को जलाने के बजाय खेतों में फैला दें इसलिए देशी खाद लगाने की आवश्यकता नहीं है, यह जैविक उर्वरक के रूप में कार्य करता है। उन्होंने कहा कि कम उर्वरक लगाने से हमें अधिक पैदावार मिल रही है जो किसान के लिए बहुत बड़ी बात है।

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