ई-ऑटो से बदले जाऐगें शहर के पुराने डीजल ऑटो

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डीजल ऑटो बदलने पर मिलेगी सब्सिडी और बैंको से आसान दरों पर लोन
अमृतसर 24 सिंतबर (पवित्र जोत) : शहर के पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बेहतर बनाने तथा प्रदूषण को कम करने के लिए पुराने डीजल ऑटो को ई-ऑटो के साथ बदलने के लिए स्मार्ट सिटी मिशन के तहत एक प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है । जिसके तहत ई-वाहनों को चार्ज करने के लिए शहर के अलग-अलग जगहों में चार्जिंग स्टेशन भी बनाए जाएंगे। इसके बारे में अधिक जानकारी देते हुए अमृतसर स्मार्ट सिटी की सीईओ कोमल मित्तल ने बताया कि फ्रैंच डेव्लपमेंट एजंसी (एएफडी) द्वारा पोषित तथा केंद्रीय आवास व शहरी विकास मंत्रालय द्वारा संचालित इस प्रोजेक्ट के तहत अमृतसर देश का पहला ऐसा शहर होगा जहाँ पर इतने बड़े स्तर पर ई-ऑटो को पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम का हिस्सा बनाया जाएगा। जिसके लिए स्मार्ट सिटी मिशन के तहत ड्राईवरों को सब्सिडी देने के साथ-साथ उन्हें आसान दरों में लोन भी मुहैया करवाया जाएगा। पहले फेज़ में लगभग 7000 डीजल ऑटो बदले जाएंगे और बाकि के ऑटो दूसरे फेज़ में बदले जाएंगे। बदले जाने वाले ऑटो रिक्शा को स्क्रैप कर दिया जाएगा ताकि वह फिर दोबारा शहर में या किसी दूसरी जगह ना चल सकें। उन्होंने कहा कि ई-ऑटो पब्लिक ट्रांसपोर्ट का भविष्य है, जिससे ना सिर्फ़ वायु प्रदूषण का स्तर शुन्य होगा बल्कि ध्वनि प्रदूषण भी नहीं होगा। इसके साथ-साथ जहाँ डीजल और सीएनजी ऑटो की प्रति कि. मी ओपरेशनल लागत क्रामश: 2.68 व 1.48 रूपये है। वहीं ई-ऑटो की सिर्फ़ 0.68 पैसे प्रति कि.मी है। डीजल और सीएनजी ऑटो की सालाना मैंटेनेंस लागत क्रामश: 16 हज़ार व 12 हज़ार रूपये है और ई-ऑटो की 5 हज़ार रूपऐ है। वहीं पंजाब सरकार द्वारा भी ई-ऑटो के लिए रूट परमिट फीस, मोटर व्हिकल टैक्स तथा पासिंग फीस से छूट दी गई है। जबकि डीजल और सीएनजी ऑटो में ऐसी कोई भी छूट नहीं दी जाती। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए डीजल ऑटो को बदलने के लिए ई-ऑटो का विकल्प को चुना गया है। जिससे ना सिर्फ़ शहर के प्रदूषण के स्तर में कमी आएगी वहीं ऑटो रिक्शा चालकों की कमाई में भी काफ़ी बढ़ोत्तरी होगी। सीईओ स्मार्ट सिटी ने बताया कि इस प्रजोक्ट के तहत शहर में 20 से 25 जगहों की पहचान चार्जिंग स्टेशन बनाने के लिए की गई है, जिसके लिए ईओआई भी जारी किया जा चुका है। ई-ऑटो इंटरनैश्नल सेंटर फॉर ऑटोमेटिव टैक्नॉलजी तथा ऑटोमेटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा र्स्टीफाईड होते हैं जो कि मौजूदा ई-रिक्शा से काफ़ी सुरक्षित होतें हैं। ई-ऑटो में इस्तेमाल होने वाली लिथियम ऑयन बैटरी ना सिर्फ़ ई-रिक्शा में प्रयोग होने वाली लेड एसिड बैटरी से तीन-चार गुना ज्यादा समय तक चलती है बल्कि आधे समय में पूरी चार्ज भी हो जाती है । वहीं ई-ऑटो की अधिकतम स्पीड भी ई-रिक्शा से दोगुना 50 कि.मी प्रति घण्टा होती है ।

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