अमृतसर, 9 जून (आकाशमीत): भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मंत्री तरुण चुघ ने कहा की पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, जम्मू के लाखों किसानों के साथ नकली बीज के माध्यम से फसलों को हानि पहुंचाने वालो पर कड़ी करवाई होनी चाहिए।
चुघ ने कहा की बीज घोटाले गोपनीय पर पंजाब सरकार को जवाब देना चाहिए कि पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी का सीक्रेट कोड जो पीयू के वैज्ञानिकों द्वारा पंजाब कृषि विभाग के साथ शेयर किया हुआ था वो कैसे लीक हो गया है।
चुघ ने कई राज्यों की फसलों को नुक्सान पहुंचाने वालों पर कड़ी कानूनी करवाई की मांग करते हुए कहा कि पी.आर.-128 और पी.आर. 129 बीच सीवीजी-1, सीवीजी-2 व सीवीजी-3 की कोडिंग किसने व कैसे तोड़ी फिर किसके इशारे पर नकली बीज तैयार हुए, किसकी स्पोर्ट पर वो मार्किट में आए, इन सब की जांच होनी चाहिए। उन्होने कहा की आज उन नकली बीजो के सैम्पल जब टेस्ट किये गए तो 15 में से 14 सैंपल फेल हो गए है इससे अंदाजा लगाएं कि 4 राज्य जम्मू कश्मीर, राजस्थान, हरियाणा व पंजाब की फसलो में काफी मात्रा में नुक्सान हुआ है ।
चुघ ने कहा की फसलो की नकली पनीरी तैयार करने वाली छोटी मछलिया व मोहरे तो पकड़ने का ड्रामा दिखावे के लिए किया जा रहा है पर असली किंगपिन अभी तक बाहर है ।
चुघ ने कहा कि एक अनुमान के तहत 70 रुपया क्विटल वाले असली बीज की जगह लगभग 100 हजार क्विंटल नकली बीज (राजस्थान में 35 हजार क्विंटल, जम्मू 11 हजार क्विंटल एवं हरियाणा 25 हजार क्विंटल) 150 रुपया से 200 रुपया क्विंटल मार्किट में किस की शह से बिका था, इसकी जांच होनी चाहिए बिना किसी बड़े हाथ के बिना यह घोटाला नही हो सकता है। चुघ ने कहा कि जनता सरकार से पूछती है कि कोड लीक कैसे हुआ, पंजाब सरकार को जानकारी कब मिली, सीड स्टोर की चैकिंग हुई थी या नही, नकली बीज बचने वालों की रेगुलर चैकिंग करने वाले अधिकारियों ने सरकार को रिपोर्ट क्यों नही की। उन्होने कहा की इस घोटाले में सरकार के बड़े लोग शामिल है पर करवाई पयादो व मोहरो पर हो रही है पर किसानों के लाखो एकड़ भूमि की खराबी पर मुआवजा व दोषियों पर कड़ी सजा होनी चाहिए।
चुघ ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह बीज घोटाले में अपनी सरकार के लोगों की संलिप्तता व किसानों की भारी हानि से ध्यान बटाने के लिए झूठ बोल कर केंद्र के किसान सशक्तिकरण औऱ संरक्षण अध्यादेश पर पंजाब की जनता को गुमराह कर रहे है।
चुघ ने कहा कि कैप्टेन साहिब जनता को बताये की देश की आजादी के 70 साल बाद भी किसान को फसल बचने की आजादी देने में क्या गलत है जब केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि डैच् व मंडीकरण में कोई बदलाव नही होगा। सच तो यह है की कैप्टन बीज घोटाले से धयान हटाना चाहते है।