भारत की एकता एवं अखंडता के लिए प्राणों का बलिदान देने वाले मुखर्जी माँ भारती के सच्चे सपूत: अश्वनी शर्मा

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डॉ. मुखर्जी की जयन्ती पर पौधा लगा कर पर्यावरण को बचाने का संदेश देते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा साथ हैं पूर्व मंत्री मनोरंजन कालिया, मास्टर मोहन लाल व अन्य।
  • डॉ. मुखर्जी के जन्म-दिवस के उपलक्ष्य पर अश्वनी शर्मा ने माधोपुर में उनकी प्रतिमा को किया नमन

  • मुखर्जी की जयंती पर प्रदेश भर में कार्यकर्ताओं को एक पौधा लगाने का अश्वनी शर्मा ने किया आह्वान

पठानकोट, 6 जुलाई: भारत की एकता एवम अखंडता के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने वाले प्रखर राष्ट्रवादी विचारक, महान शिक्षाविद, मां भारती के सच्चे सपूत जनसंघ के संस्थापक श्रधेय डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनकी 119वीं जयंती पर भारतीय जनता पार्टी, पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने पठानकोट के माधोपुर में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर नमन किया। अश्वनी शर्मा द्वारा डॉ. मुखर्जी की जयन्ती पर पौधा लगा कर पर्यावरण को बचाने का संदेश देते हुए सभी भाजपा कार्यकर्ताओं को अपने-अपने घरों में कम से कम एक पौधारोपण करने का आह्वान किया गया।
अश्वनी शर्मा ने इस अवसर पर कार्यकर्ताओं के समक्ष डॉ. मुखजी के जीवा पर प्रकाश डालते हुए बताया कि बंगाल में आज ही के दिन जन्मे मां भारती के सच्चे सपूत परम श्रद्धेय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को आज सारा देश नमन कर रहा है। शर्मा ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी ने तत्कालीन कांग्रेस की नेहरु सरकार के विरुद्ध नारा लगाया था कि “एक देश में दो प्रधान, दो विधान और दो संविधान” नहीं चलेंगे, जिसे प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में जम्मू एवं कश्मीर से हटाए गए अनुच्छेद 370 व 35-A को निष्प्रभावी बना कर पूरा किया है । शर्मा ने कहा कि डॉ. मुखर्जी चाहते थे कि कश्मीर पूरी तरह से भारत का हिस्सा बने और वहां अन्य राज्यों की तरह समान अधिकार व कानून लागू हो और आज मोदी सरकार ने उनके इस सपने को पूरा कर दिखाया है।
अश्वनी शर्मा ने कहा कि समतामूलक समाज व अखंड भारत की कल्पना करने वाले डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने संसद में अपने भाषण में जम्मू-कश्मीर से धारा-370 को समाप्त करने की भी जोरदार वकालत की थी। अपने संकल्प को पूरा करने के लिए वह जम्मू-कश्मीर की यात्रा पर निकल पड़े थे। वहां पहुंचते ही पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर नजरबंद कर लिया, जहां 23 जून 1953 को पुलिस कस्टडी में रहस्यमय परिस्थितियों में डॉ. मुखर्जी की मृत्यु हो गई। शर्मा ने कहा कि डॉ. मुखर्जी ने भारत की समस्याओं के मूल कारणों व स्थायी समाधानों पर जोर दिया और उनके लिए जीवन पर्यन्त संघर्ष किया। शर्मा ने कहाकि राष्ट्रोत्थान एवं सेवा भाव से भरपूर डॉ. मुखर्जी ने भारत की एकता के लिए केंद्र की तत्कालीन नेहरु सरकार के खिलाफ साहसपूर्ण प्रयास करते हुए जम कर विरोध किया। उनके विचार और आदर्श आज भी देश भर में लाखों लोगों को ताकत देते हैं।
इस अवसर पर पूर्व मंत्री मनोरंजन कालिया, मास्टर मोहन लाल, प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष राकेश राठौर, नरेंदर परमार, सुजानपुर से विधायक दिनेश सिंह बब्बू, जिला भाजपा अध्यक्ष विजय शर्मा, पूर्व विधायिका सीमा देवी, पूर्व मेयर अनिल बासुदेवा, महामंत्री विनोद धीमान, सुरेश शर्मा, सोशल मीडिया इंचार्ज बिंदा सैनी, मीडिया इंचार्ज, प्रदीप रैना सहित कई भाजपा कार्यकर्ताओं ने डॉ. मुखर्जी को नमन किया।

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