किसानों के हक में सड़को पर उतरा महाराष्ट्र का सिख भाईचारा

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अमृतसर 9दिसंबर ( राजिंदर धानिक )  : किसान संघर्ष को महाराष्ट्र में भी ज़बरदस्त स्वीकृति और हिमायत मिल रही है। नई मुंबई में सिख भाईचारा केंद्र सरकार के खेती कानूनों विरुद्ध सड़को पर उतर आया है और किसानी संघर्ष के समर्थन में उन की तरफ से जा रही रोश रैली को पुलिस की तरफ से मान खुर्द में रोके जाने पर  प्रदर्शनकारियों  की तरफ से तीन घंटे तक राष्ट्रीय हाईवे नंबर 4को जाम करते रोश धरना दिया गया, जहाँ सरकार विरुद्ध ज़बरदस्त नारेबाज़ी की गई.।
इस बारे जानकारी सांझी करते सरचांद सिंह ने बताया कि मुंबई और नई मुंबई की समूह गुरुद्वारा समितियाँ, महाराष्ट्र सिख संघर्ष ऐसोसीएशन, सिख जत्थेबंदियाँ और आल ट्रांसपोर्टर ऐसोसीएशन की तरफ से भाई जसपाल सिंह सिद्धू प्रधान सुप्रीम सिख कौंसिल गुरुद्वारा नई मुंबई, स: मलकीत सिंह बल, स: ग्यान सिंह, स: हरविन्दर सिंह, स: सतनाम सिंह मान, स: अंमृतपाल सिंह, तरलोक सिंह, हरी सिंह पड्डा और प्रभपाल सिंह की सांझी नेतृत्व में किसान संघरश को समर्थन देते हुए नई मुंबई के पनवेल के गुरुद्वारा साहब से मरीन ड्राइव तक के लिए शांतमयी कार पर मोटरसाईकल रैली का आयोजन किया गया। जिस ने मरेन ड्राइव में मानवीय चेन बना कर देश व्यापक विरोध प्रदरशन में हिस्सा डालते किसानी के साथ इक्कजुट्टता दिखाया जाना था, परन्तु पुलिस की तरफ से रैली को मान खुर्द में बैरी गेट आदि लगा कर रोक लिया। जहाँ सैंकड़े प्रदर्शनकारियों की तरफ से किसान एकता ज़िंदाबाद, हम तुम्हारे साथ है के नारों के साथ आकाश गुंजाते किसानो के हक में डटा गया। उन हाथों में ’’हम किसान हैं टेररिस्ट नहीं, ’अन्न दाता के हक में सलोगन आदि लिखे बैनर भी पकड़े हुए थे। इस दौरान यातायात और जनजीवन प्रभावित रहा |नेताओं भाई जसपाल सिंह सिद्धू और स: मलकीत सिंह बल, ने कहा कि शांतीपूरन विरोध प्रदरशन हरेक नागरिक का हक है परन्तु इस को पहले दबाना राष्ट्र के हित में नहीं है। उन खेती कानूनों को रद्द करने की माँग करते कहा कि मौजूदा बिल किसानों के हित में नहीं है। उन किसानों पर हो रहे धक्को का विरोध किया और केंद्र सरकार को किसानों हितों को नजरअन्दाज न करने के लिए कहा।  उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा समेत देश भर के किसान लम्बे समय से चल रहे आंदोलन में ठंड की मार बर्दाश्त के लिए मजबूर हैं। इस लिए ज़रूरी है कि किसानी मसले का हल तुरंत किया जाये जिससे संघरशशील किसान अपने घरों को लौट सकें |नेताओं ने कहा कि वह किसानों के साथ है और भविष्य में भी रहेगा। खेती कानूनों को रद्द करवाने के लिए केंद्र सरकार विरुद्ध और किसानी के हकों के लिए इसी तरह धरने लगाऐ जाएंगे। रोश रैली में भारी संख्या औरतें ने भी हिस्सा लिया।

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