अमृतसर 26 अक्टूबर (पवित्र जोत) : भारतवर्ष की पावन पवित्र धरा के शिरडी धाम के महान सन्त सद् गुरू साई महाराज जी के नश्वर शरीर को त्यागने की पुण्य तिथि दशहरे का इतिहासिक दिवस 102 वर्ष बीत जाने के उपरान्त आज करोना वायरस के भयानक दौर के दौरान शिरडी धाम में हर वर्ष की भांति आज भी पूर्ण सावधानी के साथ पूजा अर्चना शुरू की गई। श्री अमृतसर साहिब के श्री साई लीला मन्दिर, मोहन नगर में महामंत्र नाम साई जाप करते हुए हवन पूजा किया । सभी प्रभु प्रेमी पहुँच कर साई बाबा जी को नतमस्तक हुए। बाबा जी के संकीर्तन के बाद कन्जक पूजन किया गया ! इसके बाद प्रधान सेवक अनिल महाजन ने बाबा जी की लीलाओं पर प्रकाश डालते हुए आये हुए सभी प्रभु प्रेमियों से विनती की कि बाबा जी के वचनों को मानते हुए सद् कर्म पर चलने के लिए अग्रसर होते रहें । दशहरे के दिन ही 102 वर्ष पहले साई बाबा जी ने नर देह का त्याग कर दिया था । परन्तु आज भी बाबा जी के कहे वचन सत्य साबित हो रहे हैं। बाबा जी की रहमत से ही सभी प्रभु प्रेमी करोना वायरस प्रकोप से बचें हुए हैं । इस पावन मौके पर रमेश तलवार जी, भक्त जी, नन्द किशोर महाजन जी, सन्दीप अरोड़ा जी, नरिन्द्र सिंह जी,नमन जी, शशी महाजन जी, सुषमा जी, आरती महाजन जी, स्वीटी जी, मोना, आरती ,विमला जी व कई अन्य श्रदालु साई परिवार के सदस्यों ने बाबा जी की विशेष पूजा करवाते हुए हवन कुण्ड अग्नि में आहुतियां डालकर अपना जीवन धन्य किया व प्रबन्धक कमेटी की ओर से प्रसाद, जलपान ग्रहण किया।