अमृतसर, 9 मार्च(पवित्र जोत) : ज़िला मैजिस्ट्रेट अमृतसर गुरप्रीत सिंह खेहरा ने विवरण फ़ौजदारी संघता1973 की धारा 144 के अधीन प्राप्त अधिकारों का प्रयोग करते ज़िला अमृतसर में ज़िला पुलिस मुखी,अमृतसर (देहाती) के अधिकार क्षेत्र में पड़ते थानों अधीन इलाकों में गाँवों कस्बों में पाँच या इस से अधिक व्यक्तियों के इकठ्ठा होने,रोश रैलियाँ,धरना देने,मीटिंगों करने,नारे मारने और प्रदर्शन करने पर मुकम्मल पाबंदी लगाने का हुक्म जारी किया है। जारी हुक्म में कहा है कि उनके ध्यान में आया है कि ज़िला अमृतसर में कुछ राजनैतिक /किसान और अन्य जत्थेबंदियाँ ज़िला स्तर पर रोष, धरने रैलियाँ और मुज़ाहरे करने की योजनाएँ बना रही हैं और लोगों की भावनायों को उत्तेजित करने की कोशिश कर रही हैं,जिस के साथ सरकारी और ग़ैर -सरकारी संपत्ति /जायदाद का नुक्सान होने और अमन और कानून की स्थिति बिगड़ने का डर बना रहता है। इस लिए अमन और कानून की स्थिति ठीक बनाऐ रखने और लोगों की जान -माल की चौकीदारी करने के लिए तेज़ी के साथ उपराले करें की ज़रूरत है। यह पाबंदी का हुकम 2 मई 2021 तक लागू रहेगा।
जारी हुक्म में कहा गया है कि उनके ध्यान में आया है कि पतंग उडाने के लिए जो डोर का प्रयोग किया जा रहा है,वह सूती डोर से हट कर संथैटिक /प्लास्टिक की बनी हुई है जो कि बहुत मज़बूत,न टूटने योग्य है। उन्होंने कहा कि यह सिंथैटिक डोर पतंगबाज़ी समय पतंग उडाने वालों के हाथ और उंगलियाँ तक काट देती है। यहाँ तक कि साइकिल और स्कूटर चालकों के गले और कान काटे जाने,उड़ते पक्षियों के फंस जाने पर उन के मरने बारे काफ़ी घटनाएँ घटी हैं। इस डोर का प्रयोग रोकने के लिए पूरी सख़्ती के साथ इससे घटने वाले हादसों से बचाव हो सके। इस लिए यह पाबंदी लगानी ज़रूरी है। यह हुक्म सख्ती से 4 मई 2021 तक लागू रहेगा।