सरकारी स्कूलों में लगे किताबों के लंगर

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बच्चे और माता पिता में भारी उत्साह देखने को मिला

अमृतसर,17 जुलाई ( राजिंदर धानिक)- बच्चों को किताबें पढ़ने की उत्साह लाने के मकसद के साथ आज राज्य के हरेक सरकारी स्कूल के अंदर किताबों का लंगर लगाने के लिए शिक्षा विभाग पंजाब की तरफ से जारी हिदायतें अनुसार इलाके सरकारी एलिमेंट्री स्कूल रोड़ीवाला,खैराबाद, केंद्रीय जेल,मीरांकोट खुर्द,मीरांकोट कलाँ,हवाई अड्डा,राजासांसी लड़के / लड़कियाँ, कंबो,गौंसाबाद,झंजोटी,तोला नंगल,गुंमटाला,धौल कलाँ,कोटला दल सिंह,कोटली सकिया वाली,मालांवाली, हेर आदि समेत शिक्षा ब्लाक अमृतसर -3अधीन आते सभी स्कूलों में भी किताबो के लंगर लगाऐ गए।
इस सम्बन्धित जानकारी सांझी करते ब्लाक शिक्षा अफ़सर अरुना कुमारी गिल, बी.एम.टी. रोहित देव,सी.ऐम.टी.दीपक शर्मा,सैंटर हैड टीचर सतबीर सिंह,गुरसेवक सिंह हरजीत सिंह, अध्यापक सुखजिन्दर सिंह खोज,मनप्रीत संधू,प्रदीप सिंह, मलकियत सिंह भुल्लर,सन्दीप सिंह कंग,हरपिन्दर गिल, भवनबीर सिंह खोज,कुलदीप सिंह,गगनदीप वड़ैच, सुखराज सिंह आदि ने बताया कि ज़िला शिक्षा अफ़सर सुशील कुमार तुली और उप ज़िला शिक्षा अफ़सर रेखा महाजन की योग्य नेतृत्व और कोआरडीनेटर पढ़ो पंजाब मनप्रीत कौर की देख -रेख में आज जिले के सरकारी स्कूलों या दूसरे सांझी स्थानों पर बच्चों को अधिक से अधिक किताबें पढ़ने के लिए के लिए उत्साहित करने के मकसद के साथ जो किताबों के लंगर लगाऐ गए हैं,उस प्रति बच्चों और उनके माँ बाप ने भारी उत्साह दिखाया है।
उन्होंने यह भी बताया कि एक अच्छी पुस्तक सहृदय दोस्त जैसी होती है। पुस्तक पढ़ने के साथ मानव का ज्ञान तो बढ़ता ही है, बल्कि उसका दृष्टिकोण भी विशाल हो जाता है। वह तंग बेकार के घेरे बीच में से निकल कर मानववादी विचारों का प्रेक्षक हो जाता है।इसी लिए हमारे समाज में बड़े -बड़े पुस्तकालय बनाऐ गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आज के युग में लेखक नये -नये विषयों पर पुस्तकें लिख रहे हैं जो हमारे ज्ञान में विस्तार तो करते ही हैं बल्कि जीवन को सही सीध भी प्रदान करते हैं जिससे मन विषय विकारों से मुक्त रह सके। उन्होंने कहा कि घरों में माँ बाप और स्कूल में अध्यापकों द्वारा बच्चों को किताबें पढ़ने की आदत डालनी चाहिए जिससे उनके ज्ञान में निरंतर विस्तार हो सके।

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