बाबा जसपाल सिंह कारसेवा खटिया साहिब को हज़ारों नम आँखों के साथ दी गई अंतिम विदाई
बाबा जसपाल सिंह किसान संघर्ष प्रति तन मन पर धन के साथ थे समर्पित: इकबाल सिंह तुंग, प्रो: सरचांद सिंह ख्याला
अमृतसर 12 जुलाई ( राजिंदर धानिक) : केंद्र की मोदी सरकार कृषि के काले कानूनों को रद्द करने के लिए ज़िद हुई है, इसके चलते एक ओर संत बाबा जसपाल सिंह कारसेवा खटिया साहिब, डेरा चमरंग रोड किसान आंदोलन की भेंट चढ़ गए है। जिस को लेकर संत समाज और सिख संगतो में शोक की लहर है। उनको नम आँखों के साथ अंतिम विदाई दी गई। गुरुद्वारा बाबा दीप सिंह जी शहीद के नज़दीक आज शमशान -भूमि में उनके पवित्र अंगीठे को उन्हें की अकेली बेटी विपनदीप कौर ने अग्नि दिखाई। बाबा जसपाल सिंह खटिया साहिब किसान संघर्ष की फतहयाबी के लिए जी टी रोड मानावाला में स्थित श्री गुरु रामदास जी लंगर हाल वडाली डोगरें में 8जून से निरंतर चलाए जा रहे सहज पाठों की लड़ी समागम के प्रमुख संचालक थे। सहज पाठ लड़ी समागम के सह संचालक भाई इकबाल सिंह तुंग और प्रो: सरचांद सिंह ख्याला ने बताया कि बाबा जसपाल सिंह जी कल निर्मल सिंह ठेकेदार चीफ़ खालसा दीवान की तरफ से रखाए गए 11 -12 ओए सहज पाठों की आरंभता उपरांत सहज पाठों के पड़ाव से वापस आ रहे थे तो रास्तो में उनकी कार को एक बस के साथ ज़बरदस्त हादसा हो गया । उस वक्त वह अकेले थे और ख़ुद कार चला रहे थे। हादसे उपरांत उन को गुरू रामदास अस्पताल में लिजाया गया जहाँ ज़ख़्मों की ताप न सहते गुरू चरणों में जा बिराजे हैं। वह 53 वर्षों के थे और उन्होंने शाम 6बजे आखिरी साँस ली। बाबा जसपाल सिंह जी किसान संघर्ष प्रति तन मन और धन के साथ समर्पित थे। उनकी बलि देश याद रखेगा। उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाऐगा। बाबा जसपाल सिंह जी निमित्त श्री अखंड पाठ साहिब का भोग और अंतिम अरदास तारीख़ 20 जुलाई. दिन मंगलवार को गुरुद्वारा बाबा चरन सिंह डेरा चमरंग रोड में होगी। बाबा जसपाल सिंह के अंतिम संस्कार मौके संत बाबा सुरजीत सिंह डेरा बाबा साम सिंह आटा मंडी, दमदमी टकसाल के प्रमुख संत ज्ञान. हरनाम सिंह की तरफ से भाई अजैब सिंह अभ्यासी मैंबर धर्म प्रचार समिति, संत बाबा अवतार सिंह सुर सिंह दल बाबा बिधीचन्द की तरफ से भाई सतनाम सिंह अकाली, भाई इकबाल सिंह तुंग, भाई भुपिन्दर सिंह गदली, दिलबाग सिंह आज़ाद किसान संघरश समिति, मंगल सिंह किसान संघर्ष समिति, पूर्व डायरैक्टर कृषि नाज़र सिंह, सरपंच बलबीर सिंह वडाली डोगरें, बलकार सिंह, रजविन्दर सिंह, बाबा छमा, दलजीत सिंह बिटू, मुखविन्दर गुरभेज सिंह, अजीत सिंह सैक्ट्री, मनदीप सिंह नवांकोट, लखविन्दर सिंह सैक्ट्री, दिलबाग सिंह, करतार सिंह, सुखराम सिंह लुहारका, दविन्दर सिंह किसान संघर्ष कमेटी, परमजीत सिंह आदि मौजूद थे।