शान्तमय किसान आन्दोलन का दावा करने वाले बताएं कि भाजपा नेताओं पर हमले करने वाले कौन हैं : अश्वनी शर्मा

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अश्वनी शर्मा द्वारा प्रदेश उपाध्यक्ष नरिंदर परमार तथा साथियों पर हुए कातिलाना हमले की कड़े शब्दों में निंदा

 

चंडीगढ़/अमृतसर 26 जून ( पवित्र जोत):  प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने कांग्रेस सरकार द्वारा किसानों के नाम पर समर्थित गुंडातत्वों द्वारा भाजपा नेताओं तथा कार्यकर्ताओं पर किए जा रहे जानलेवा हमलों पर कैप्टन सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहाकि पंजाब की कांग्रेस सरकार की मानसिकता अभी भी 1975 में इंदिरा गाँधी द्वारा जबरन लगाए गए आपातकाल जैसी है। कैप्टन सरकार पुलिस के साथ मिलकर किसानों के नाम पर अपने समर्थित गुडों द्वारा भाजपा नेताओं पर कातिलाना हमले करवा रही है। दरअसल आज बटाला जिलाध्यक्ष राकेश भाटिया द्वारा बटाला में 46 वर्ष पूर्व कांग्रेस की तकालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी द्वारा लगाए गए आपातकाल को हर वर्ष की तरह काला दिवस मनाने के लिए रखे गए कार्यक्रम में भाग लेने के लिए भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष नरिंदर परमार बटाला गए थे। कार्यक्रम के दौरान किसानों के रूप में कांग्रेस समर्थित गुंडों द्वारा कार्यक्रम से वापिस लौटते हुए रास्ता बंद कर उन पर तेजधार हथियारों तथा ईंट-पत्थरों से कातिलाना हमला कर उनकी गाड़ी को जमकर नुकसान पहुँचाया गया। इस हमले में परमार तथा उनके साथी बाल-बाल बचे।

अश्वनी शर्मा ने कहाकि एक तरफ किसान नेता उनका आन्दोलन शान्तमय ढंग से चलने तथा शान्तमय प्रदर्शन करने की बात करते हैं। शर्मा ने शान्तमय प्रदर्शन का दावा करने वाले किसान नेताओं से सीधा सवाल किया कि भाजपा नेताओं के विरुद्ध उग्र प्रदर्शन करने वाले तथा उन पर कातिलाना हमला करने वाले किसान हैं या कोई और गुंडातत्व, पहले यह साफ़ करें? क्यूंकि रोज़ाना राज्य में कहीं ना कहीं भाजपा नेताओं पर कातिलाना हमले हो रहे हैं और वो सब किसानों के नाम पर हो रहे हैं और उनके हाथ में किसानी आन्दोलन के झंडे तथा अन्य सामान होता है। उन्होंने कहाकि क्या किसान नेता 1975 में लगाये गए आपातकाल को सही मानते हैं और आज जो कैप्टन सरकार के शासन में पंजाब के हालात बन रहे हैं क्या वो सही हैं? क्या यह सही नहीं होना चाहिए और क्या किसान नेता इसका समर्थन करते हैं? क्या किसान संगठन चाहते हैं कि आपातकाल जैसे दिनों को मना कर आने वाली पीढ़ियों को उसके बारे में ना बताया जाए? शान्तमय ढंग से आन्दोलन का दावा करने वाले किसान नेता बताएं कि क्या शान्तमय आन्दोलन ऐसा होता है कि कार्यक्रम कर रहे लोगों पर कातिलाना हमले किए जाए, उनकी गाड़ियों पर हथियारों व ईंट-पत्रों से हमले किए जाएं? उन्होंने कहाकि अगर किसान शान्तमय आन्दोलन कर रहे हैं तो भाजपा नेताओं पर हमले करने वाले कौन हैं?

      अश्वनी शर्मा ने कहाकि कांग्रेस भारतीय जनता पार्टी के बढ़े जनाधार को देख और समझ कर बुरी तरह से बौखला चुकी है। इसलिए वो भाजपा के नेताओं व कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए उन पर तथा उनके कार्यक्रमों में अपने गुंडों को भेज कर पुलिस के सामने जानलेवा हमले करवाती है और इस दौरान या तो पुलिस मूकदर्शक बन कर तमाशा देखती रहती है या फिर खानापूर्ति के लिए धक्कामुक्की कर अपना पल्ला झाड़ लेती है। उन्होंने कहाकि कैप्टन अमरिंदर सिंह प्रदेश के पास प्रदेश का गृह विभाग है और राज्य में लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखना उनकी जिम्मेवारी है। जिसमें वो बुरी तरह फेल साबित हुए हैं। राज्य में दिन-दिहाड़े गुंडागर्दी का नंगा नाच रोज़ाना होता है, कहीं गैंगस्टर सरेआम गोलियाँ मार कर हत्याएं कर रहे हैं और कहीं नेताओं पर जानलेवा हमले किए जाते हैं, कहीं सरेआम लूट की वारदातें हो रही हैं और पुलिस सिर्फ कारवाई के नाम पर कागज़ काले करती रहती है। आरोपी पुलिस की नाक के नीचे से फरार हो जाते हैं।

अश्वनी शर्मा ने कहाकि पुलिस भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं को कार्यक्रम रद्द करने के लिए दबाव बनाती है, क्यूंकि कांग्रेसी नेता जानते हैं कि वो जनता में वोट मांगने नहीं जा सकते, क्यूंकि पिछले साढ़े चार वर्ष के शासन में कैप्टन सरकार ने जनता के साथ सिर्फ खोखले वादों के आलावा कुछ नहीं किया। अत: वो जनता से किस मुँह से वोट मांगने जाएँ। इसलिए वो अपने गुंडों के सहारे भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं पर हमले करवा कर किसानों को बदनाम कर रहे हैं। शर्मा ने कहाकि भाजपा अब यह सब बर्दाश्त नहीं करेगी और इसके खिलाफ प्रदेश में व्यापक स्तर पर जनता के सहयोग से आन्दोलन शुरू करेगी। उन्होंने कहाकि कैप्टन सरकार को इसका जवाब देना पड़ेगा।

                अश्वनी शर्मा ने कहाकि अगर मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से प्रदेश में कानून-व्यवस्था नहीं बनाई जाती तो उन्हें अपने पद से त्यागपत्र दे देना चाहिए।

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