अमृतसर: 21 जून ( पवित्र जोत): कुंवर विजय प्रताप सिंह एक अच्छे पुलिस अधिकारी न होकर अपनी छवि उभारने के लिए शुरू से ही दूसरों को बदनाम करने का आदी रहा है। यह कहना है भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता इकबाल सिंह लालपुरा का। कुंवर ने पहली बार 2007 में डी.आई.जी. फिरोजपुर हरदीस सिंह रंधावा, जो कि इससे बहुत सीनियर पुलिस अधिकारी थे, पर झूठे आरोप लगाए।
इकबाल सिंह लालपुरा ने कहाकि कुंवर विजय प्रताप ने प्रेस के माध्यम से प्रसिद्धि अर्जित करने के लिए डी.आई.जी. आर आरोप लगाए, लेकिन आरोप झूठे साबित हुए। श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी और कोटकपूरा गोलीकांड की जांच के मामले में इसका उपयोग राजनीतिक लाभ प्राप्त करने और झूठी प्रसिद्धि हासिल करने के लिए किया। कुंवर ने फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार को पर तलब कर झूठी प्रसिद्धि हासिल करने की कोशिश की। लेकिन वह उन पर लगाये आरोपों को साबित नहीं कर सका।
इकबाल सिंह लालपुरा ने कहा कि यह अजीब है कि एक अक्षम पुलिस अधिकारी द्वारा इस रिपोर्ट को तैयार किया गया जिसे माननीय पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया है। वह इसका इस्तेमाल राजनीति के लिए भी कर रहे हैं। कैप्टन अमरिन्दर सिंह की सरकार को माननीय पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की कुंवर प्रताप सिंह संबंधी टिप्पणियों की गहन जांच कर सजा देनी चाहिए थी। लेकिन कैप्टन ने उसे सजा से बचाने में भी मदद की। कुंवर विजय प्रताप सिंह ने अपने कार्यकाल के दौरान प्रचार के लिए अपने सरकारी पद का दुरुपयोग किया है। राजनीति में इसके प्रवेश से किसी अच्छे की उम्मीद नहीं की जा सकती है। लालपुरा ने कहके दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल झूठे लारों तथा नारों की राजनीति में माहिर हैं। उन्होंने अपनी नीति के अनुसार सही चुनाव किया है।