डा स्यालका और संत दादूवाल के बीच हुई मीटिंग

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मामला: मजहबी सिख समाज के ऐतिहासिक ‘तथ्यों ’ को एकत्रित करने का
अमृतसर  30 मई (राजिंदर धानिक   ) : पंजाब स्टेट एस सी कमीशन के मैंबर डा टी एस ‘स्यालका ’ ने सिख इतिहास में रंघरेटो की महत्ता और धार्मिक सिखों के साथ सम्बन्धित मिसलों को फिर उजागर करने का बीड़ा उठा लिया है।

मजहबी सिख समाज के ऐतिहासिक ‘तथ्यों ’ को समाज के दृष्टिगोचर करने और धार्मिक सिखों का इतिहास में क्या योगदान रहा है? के विषय पर खोज कराने और सम्बन्धित मिसला बारे भरपूर जानकारी और विवरन एकत्रित करने के लिए पंजाब राज एस सी कमीशन के मैंबर डा स्यालका पंजाब में स्थित यूनिवर्सिटियाँ को खोज करने और इतिहास की समीक्षा कराने के लिए उप कुलपतियों के साथ पत्र व्यवहार और राज्य सरकार के साथ चर्चा करने के मूड में देखे जा रहे हैं। संत दादूवाल के साथ विशेष मीटिंग करने के बाद प्रैस के साथ  रूबरू होते हुए पंजाब राज अनुसूचित जातियों कमीशन के मैंबर डा तरसेम सिंह स्यालका ने बताया कि मजहबी सीख समाज के पैरोकांरों की माँग को पूरा करने के लिए बतौर मैंबर एस सी ‘कमीशन ’ मेरी इस बात को पहल रहेगी कि रंघरेटों का इतिहास जो कि सिख इतिहास के साथ सम्बन्धित है को संपूर्ण तौर पर संगठित करना है इस कार्य की पूर्ति के लिए
ऐतिहासिक रंघरटो को लिखित करके संपूर्ण रूप में आज की पीढ़ी को समर्पित करने के लिए धार्मिक हस्तियाँ, इतिहासकारों , खोजकर्ताओं और सिखी का प्रचार और प्रसार करने वाली संसथांवों के साथ तालमेल करना शुरू कर दिया है।

इसी ही कड़ी के तौर पर मैं पहले पड़ाव में हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के प्रधान संत बाबा बलजीत सिंह दादूवाल वालों के साथ गाँव दादूवाल में पहुँच कर उनके साथ मुलाकात की।

संत दादूवाल और बतौर मैंबर कमीशन हमारे बीच हुई मीटिंग में जहाँ सामाजिक अलामता विरुद्ध झंडा बरदार करने के लिए रज़ामंदी हुई वहीं धार्मिक सिखों की सिख इतिहास में भूमिका और महत्ता को बांटने के लिए सांझे यत्न करने के लिए चर्चा हुई।

      बुंगा रंघरेटों के विषय को लेकर भी चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि आँखों से अदृश हुई मिसलों बारे ठोस जानकारी एकत्रित करने और सिख इतिहास में रंघरेटो की कुर्बानी को तथ्यों समेत आज की और आने वाली पीढ़ी के सामने लाने के लिए धार्मिक और लाज़िमी विषय के तौर पर यूनिवर्सिटियाँ,कालेजों और स्कूलों में लागू कराने के लिए संकंलप लिया गया है।

      उन्होंने कहा कि कमीशन की कोशिश है कि इतिहासकारों और शोधकर्ताओं को लेकर उक्त विषय पर सैमीनार आयोजित करवाए जाएँ। इस मौके डा टी एस स्यालका के लोक संपर्क अफ़सर सतनाम सिंह गिल भी उपस्थित थे।

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