मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह व बलबीर सिद्धू की नालायकी के कारण पंजाब में चरमराई स्वास्थ्य सुविधाएँ : अश्वनी शर्मा

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 भाजपा का सवाल – खट्टर व योगी सरकार की तरह पंजाब की जनता को कौन सी सुविधाएँ देगी कैप्टन सरकार? 

चंडीगढ़/अमृतसर: 12 मई (राजिंदर धानिक   ) : कोविड-19 की दूसरी लहर के विरुद्ध लड़ाई लड़ रही हरियाणा की खट्टर सरकार तथा उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा कोरोना मरीज़ों को दी जा रही सुविधाओं को आधार बना कर भारतीय जनता पार्टी पंजाब के अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने पंजाब में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह तथा उनकी सरकार से सवाल किया कि हरियाणा की खट्टर सरकार व उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की भांति पंजाब सरकार कोरोना महामारी से जूझ रही देश की जनता के लिए क्या सुविधाएँ देगी और कब देगी?

                अश्वनी शर्मा ने कहाकि हरियाणा सरकार कोरोना संक्रमण की वजह से प्रभावित गरीबी रेखा से नीचे वाले होम आइसोलेट लोगों को पांच हजार रुपये की मदद देने का ऐलान किया है और यह एकमुश्त राशि चिकित्सा सहायता के रूप में सीधे मरीजों के बैंक खाते में भेजी जाएगी। उधर योगी सरकार ने भी ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आर्थिक रूप से कमजोर, निराश्रित परिवारों को आकस्मिकता की स्थिति में बीमारी की दशा में सहायता प्रदान करने के लिए मुत्यु होने पर अंत्येष्टि, दाह संस्कार के लिए 5000 रुपये देने का ऐलान किया है। इसके अतिरिक्त कोविड मरीज जो गरीबी रेखा से नीचे हैं व आयुष्मान भारत योजना के तहत सुविधा प्राप्त नहीं कर रहे हैं, उनको भी राज्य सरकार द्वारा कोविड उपचार अधिकृत निजी अस्पतालों में इलाज के लिए 35,000 रुपये प्रति मरीज सब्सिडी दी जा रही है और यह राशि मरीज के डिस्चार्ज होने के समय बिल से घटाई जा रही है। दोनों सरकारों द्वारा अपने कोरोना काल के दौरान हुई तालाबंदी के चलते प्रदेश की जनता की जरूरतों को ध्यान में रख कर यह फैसले लिए गए हैं, ताकि किसी की आर्थिक दशा ना बिगड़े और किसी को भुखमरी का सामना ना करना पड़े।

                अश्वनी शर्मा ने कहाकि केंद्र की मोदी सरकार ने देश के सभी राज्यों को पी.एम. केयर फंड से कोरोना महामारी से लड़ने के लिए करोड़ों रूपये तथा उपकरण दिए हैं। पंजाब सरकार को भी इसके तहत 250 करोड़ रूपये से ज्यादा तथा मेडिकल उपकरण दिए गए थे, लेकिन मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह तथा स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू के नालायकी की वजह से राज्य की स्वास्थ्य सेवाएं बदतर स्थिति में पहुँच गई हैं और इसका खामियाज़ा पंजाब की जनता को भुगतना पड़ रहा है। कैप्टन सरकार की नालायकी की वजह से 250 से ज्यादा वेंटिलेटर एक साल से भी ज्यादा समय से धुल फांकते रहे। पंजाब का स्वास्थ्य विभाग इन वेंटिलेटरों को चलाने के लिए एक साल में कर्मियों की नई भारती नहीं कर सका। उधर मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह तथा स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिद्धू की नालायकी पर गलत नीतियों के चलते स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी हड़ताल पर बैठे हुए हैं और स्वास्थ्य मंत्री उन्हें नौकरी से निकालने की धमकियाँ देकर वापिस काम पर लौटने को कह रहे हैं।

अश्वनी शर्मा ने कहाकि प्रदेश में फैले कोरोना संक्रमन के दौरान दवाओं, रसोई की जरूरत के सामान तथा आक्सीजन की ब्लैक मार्केटिंग जोरों पर है, लेकिन मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह अपने खिलाफ खड़ी हुई कांग्रेसी मंत्रियों की लॉबी से अपनी कुर्सी बचाने में व्यस्त हैं और जिला प्रशासन या सरकार ऐसे लोगों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं कर रही।

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