अमरिंदर ने पंजाब को धकेला दहशतगर्दी व गंडागर्दी के महाल में : भाजपा

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भाजपा ने मुख्यमंत्री द्वारा बुलाई गई ऑल पार्टी मीटिंग का किया बहिष्कार

 

चंडीगढ़/अमृतसर: 2 फरवरी (  राजिंदर धानिक ), भारतीय जनता पार्टी ने पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार करने का फैसला किया है, क्योंकि पंजाब में मौजूदा गड़बड़ी के हालातों के लिए भाजपा ने कैप्टन को जिम्मेदार ठहराया है। प्रदेश भाजपा महासचिव जीवन गुप्ता व डॉ. सुभाष शर्मा ने प्रदेश भाजपा मुख्यालय चंडीगढ़ में आयोजित संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहाकि मुख्यमंत्री राजनीतिक स्वार्थ के लिए नीच खेल खेल रहे हैं।             उन्होंने कहाकि कैप्टन किसानों के समर्थन की आड़ में राज्य में विघटनकारी तत्वों को उकसा रहे हैं,  जिन्होंने लोगों में भय और अनिश्चितता का माहौल पैदा किया है और राज्य में राष्ट्र विरोधी ताकतों को भी गले लगाया है। कैप्टन की तथाकथित ऑल पार्टी मीटिंग कांग्रेस के कुकृत्यों और षड्यंत्रों को वैध बनाने के लिए एक राजनीतिक घूंघट के पीछे राजनीतिक नाटक के अलावा कुछ नहीं है। उन्होंने मुख्यमंत्री को यह कहते हुए बैठकक से मन कर दिया कि आपकी मंशा किसानों के मुद्दों का समाधान खोजने की नहीं है, बल्कि किसानों को अपने राजनीतिक मकसद में इस्तेमाल करने की है।             उन्होंने कहाकि अमरिंदर सिंह के सरंक्षण में प्रदेश राजनीतिक हिंसा की ओर अग्रसर है, अपराधियों को भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं पर सरेआम जानलेवा हमले करने तथा धमकाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। किसान नेताओं को अधिक लचीला होने और संघ सरकार द्वारा दिखाई गई उदारता को स्वीकार करने के लिए सीएम ने अपने राज धर्म का पालन नहीं किया। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के शासन ने कृषि नेताओं के साथ अत्यंत संवेदनशीलता और सहानुभूति दिखाई है। 12 दौर की वार्ता तक केन्द्र सरकार द्वारा यह साफ़ कर दिया गया है कि सरकार 18 महीने तक कृषि कानून लागू नहीं करने के लिए तैयार है और कानून के सभी पहलुओं पर चर्चा करने और एमएसपी तथा मंडीकरण पर लिख कर देने को तैयार है व इस संबंधी निवारण के लिए एक समिति का गठन भी करने के लिए तैयार है।             उन्होंने कहाकि अमरिंदर सिंह किसानों की शिकायतों के समाधान में भी अपना फ़ायदा देख रहे हैं और राज्य में चार साल से चली आ रही अपनी दुविधाजनक सरकार पर चर्चा करने से बचने के लिए अनिश्चितता की स्थिति का उपयोग करना चाहते हैं। प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति को और खराब करने के लिए मुख्यमंत्री को अपने कार्यालय का उपयोग न केवल पंजाब, बल्कि हरियाणा, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, पश्चिमी उत्तर के लिए करते हुए देखना बहुत निराशाजनक व चिंताजनक है।             उन्होंने कहाकि कैप्टन स्थानीय निकाय मंत्रालय का दुरुपयोग कर रहे है और कांग्रेसियों द्वारा पंचायतों के मध्यम से ग्रामीणों (यहां तक कि गैर-किसानों) को अपने राजनीतिक दबदबे का इस्तेमाल कर विरोध स्थल तक पहुँचाने का कार्य किया जा रहा है। ग्रामीणों को उनके कहा न मानने पर भारी दंड का सामना करने या सामाजिक बहिष्कार का सामना करने की धमकियां दी जा रही हैं।             उन्होंने कहाकि नई दिल्ली की सड़कों पर और प्रतिष्ठित लाल किले पर हुए घटनाक्रम से पूरा देश शर्मिंदा है। राष्ट्र के गौरव तिरंगे झंडे का अपमान किया गया और सुरक्षाकर्मियों को बेरहमी से पीटा गया। कैप्टन अमरिंदर सिंह अपने झूठे कथन और झूठ के प्रचार से राज्य का कैसा नेतृत्व करने पर आत्ममंथन करना चाहिए। कृषि अध्यादेश का विरोध करने और फिर केंद्रीय कानूनों में असंवैधानिक बदलाव करने के लिए उन्होंने पंजाब विधानसभा का दो बार इस्तेमाल किया है। यह आप और अकाली दल को अपने जाल में फंसाने के लिए छल किया जा रहा है, लेकिन सत्य की हमेशा जीत होगी।             उन्होंने कहाकि सर्वदलीय बैठक बुलाने के राजनीतिक नाटक के मंचन में ऊर्जा बर्बाद करने के बजाय, कैप्टन को किसान संगठनों पर अपने प्रभाव का उपयोग करते हुए उन्हें केन्द्र सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए प्रेरित करना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों के मुद्दों के प्रति बहुत संवेदनशील हैं। नवीनतम केंद्रीय बजट इस बात को साबित करने के लिए एक और उदाहरण है। फंड की कमी के बावजूद, न केवल गेहूं और धान की खरीद के लिए मूल्य बढ़ाया गया, बल्कि एपीएमसी नेटवर्क को मजबूत करने के लिए अधिक धन भी आवंटित किया गया है। पीएम मोदी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सरकार की किसानों के लिए पेशकश खुली है और केन्द्र सरकार सिर्फ एक फोन कॉल दूर है और मुख्यमंत्री को भी उसी का पालन करना चाहिए।             उन्होंने कहाकि भाजपा नगर निगम चुनावों के मद्देनजर गड़बड़ी पैदा करने और भाजपा के उम्मीदवारों को मैदान में नहीं आने देने के लिए मुख्यमंत्री की निंदा करती है। भाजपा ऐसी अलोकतांत्रिक प्रथाओं के खिलाफ मुख्यमंत्री को चेतावनी देती है। भारतीय जनता पार्टी प्रदेश चुनाव आयुक्त तथा राज्यपाल से मांग करती है कि प्रदेश के निकाय चुनाव अर्ध-सैनिक बालों की सुरक्षा में करवाए जाएं। इस अवसर पर गुरदेव सिंह देबी, बिक्रमजीत सिंह चीमा व डॉ. स्वर्ण सिंह उपस्थित थे।

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