कोविड पर कंट्रोल हेतु हर घर की समीक्षा के लिए “घर घर निगरानी” एप लांच

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30 वर्ष से अधिक उम्र के प्रत्येक नागरिक का किया जायेगा सेहत सर्वेक्षण

अमृतसर, 13 जून (पवित्रजोत): कोविड को हराने के लिए पंजाब सरकार हर तरह का प्रयास कर रही है, चाहे वह जागरूकता को लेकर हो या सेहत की ज़रूरतों के लिए। मिशन फतेह को कामयाब बनाने के लिए सेहत विभाग ने वायरस के सामाजिक फैलाव को रोकने के लिए निवेकली पहल की शुरुआत करते मोबाइल आधारित एप ‘घर -घर निगरानी’ लांच की है, जिसके अंतर्गत प्रदेश के हर घर पर तब तक नज़रसानी रखी जायेगी जब तक इस महामारी का मुकम्मल ख़ात्मा नहीं हो जाता। उक्त शब्दों का प्रगटावा करते सिवल सर्जन डा. जुगल किशोर ने बताया कि सेहत विभाग का यह प्रयास कोरोना वायरस की जल्दी शनाख्त और टेस्टिंग के लिए सहायक सिद्ध होगा, जिस के साथ सामुहिक फैलान रोकनो में मदद मिलेगी। इस मुहिम में आशा वर्कर और कम्युनिटी वालंटीयर शामिल होंगे।
उन्होने बताया कि इस मुहिम के अंतर्गत 30 साल से अधिक उम्र की पंजाब की सारी शहरी और ग्रामीण जनसंख्या का सर्वेक्षण किया जायेगा। इस में 30 साल से कम उम्र के भयानक साँस की बीमारी से पीडित और वायरस जैसी ओर गंभीर बीमारियों के शिकार व्यक्तियों को भी कवर किया जायेगा। उन्होने बताया कि यह एक बार की गतिविधि नहीं बल्कि यह निरंतर प्रक्रिया होगी जो कोविड के मुकम्मल ख़ात्मे तक चलेगी।
उन्होने कहा कि सर्वेक्षण के अंतर्गत प्रत्येक व्यक्ति की पिछले एक हफ्ते से पूरी मैडीकल स्थिति और कोरोना के साथ-साथ अन्य बीमारियों से पीडित व्यक्ति का मुकम्मल डाटा तैयार किया जायेगा, जोकि कोविड के साथ निपटने के लिए आगे की रणनीति बनाने के लिए मददगार साबित होगी। उन्होने बताया कि आशा वर्कर और कम्युनिटी वलंटियरों को सर्वेक्षण के लिए मेहनताना दिया जायेगा।
एक सुपरवाइज़र आशा वर्कर और कम्युनिटी वलंटियरों के काम की निगरानी रखेगा जिस को वालंटियर आधार पर 5000 रुपए प्रति महीना दिया जायेगा। सुपरवाइज़र सीधे तौर पर वलंटियरें की तरफ से दिए डाटे की गुणवत्ता की जांच के लिए ज़िम्मेदार होगा और प्रतिदिन के काम की निगरानी रखेगा। यह यकीनी बनाया जायेगा कि लक्षण पाए गए व्यक्तियों का कोरोना टैस्ट किया जाये।

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