एक दिवसीय विधानसभा सत्र विधायकों के मौलिक अधिकारों का हनन व लोकतंत्र की हत्या : तरुण चुघ

0
118


बाजार , सड़क,  दुकान , माल  , पूरी तरह खुली पर लोकतंत्र का मंदिर विधानसभा केवल 1 दिन ही क्यों :  तरुण चुघ

अमृतसर 18 अगस्त (पवित्र जोत)- भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सचिव तरूण चुघ ने पंजाब विधानसभा के सत्र को एक दिन तक सीमित करने के प्रस्ताव की कटू आलोचना करते हुये इसे विधायको के मौलिक अधिकारों का हनन बताते हुये सत्र की अवधि को पंजाब की जनता का परोक्ष रूप से अपमान बताया।

चुघ ने कहा की भारतीय संविधान की धारा 174 1 के अनुसार विधानसभा सत्र बुलाया जाता है। पंजाब विधानसभा का पिछला अधिवेशन 4 मार्च 2020 को समाप्त हुआ था।

चुघ ने कहा की गत 6 महीनों में कोविड 19 के अतिरिक्त पंजाब सरकार की विफलतायों की लम्बी श्रृंखला गिनायी जा सकती है। शराब माफिया को कोविड 19 में खुली छुट देकर कैप्टन अमरिन्दर सिंह सरकार में पंजाब के राजस्व को 2600 करोड का चूना लगाया है। अपने चहेते मन्त्रीयों , विधायकों को लाभ पहुंचाने के लिये शराब माफिया को बेखौफ हरी झण्डी देकर जनता के टैक्स के पैसे की लुट मचाई है।

चुघ ने एक दिन के विधानसभा अधिवेशन पर टिपण्णी करते हुए कहा की अगर कोरोना काल में बाजार , सड़क,  दुकान , माल , पूरी तरह खुली सकते है तो 15 दिन का विधानसभा अधिवेशन क्यों नहीं हो सकता ?

चुघ ने कहा की रेत खनन माफिया को भी खुली खनन करने की छुट देकर करोड़ो का रेत बचरी घोटाला किया है।

चुघ ने कहा की खनन घोटाले के लिये पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने इसकी जांच सी.बी.आई से जांच करवाने के आदेश पारित करके कैप्टन सरकार को कटघरे में खडा कर दिया है।

चुघ ने पंजाब सरकार की मिलीभगत से चल रहे शराब माफिया ने तो हद कर दी जब डिस्ट्ीलियों से कोरोना काल का लाभ उठाते हुये जहरीली शराब पंजाब के कोने कोने में पहुंचा कर 125 परिवारों के आंगम में मौत का ताण्डव करवा दिया।

चुघ ने 28 अगस्त को बुलाये गये विधानसभा सत्र की अवधि 1 दिन तक सीमित करके मुख्यमन्त्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की सरकार पंजाब की जनता के प्रश्नों से भागने का कत्सित , घिनौना व अलोकतान्त्रिक कदम उठा रही है।

चुघ ने पंजाब के राज्यपाल महामहिम बी.पी. सिंह बदनौर से एक दिन के सीमित अधिवेशन को बुलाने के पंजाब सरकार के फैसले पर पुनर्विचार करें व पंजाब सरकार को विधानसभा सत्र कम से कम 15 दिन का बुला कर पंजाब की जनता के प्रशन पुछने के अधिकारों की रक्षा करने को सकीनी बनायें।

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY