समूह राजसी पार्टियाँ और सांसदों को राजसी हितों की बजाय किसान विरोधी कृषि आर्डीनैंस ख़िलाफ़ एकजुट होने की अपील
अमृतसर, 30 जून (आकाशमीत): दमदमी टकसाल के प्रमुख संत ज्ञानी हरनाम सिंह खालसा ने कहा कि एक तरफ सिख नौजवान भारतीय फौज का हिस्सा बन कर भारत-चीन बार्डर पर देश के लिए सब से आगे होकर जान की बाज़ी लगा रहे हैं तो दूसरी तरफ़ हाल ही में अलगाववादी आरोपों के अंतर्गत अलग-अलग जगह से निर्देश सिख नौजवान कि की जा रही पकड़ो पकड़ी सिख कौम के लिए गहरी चिंता का विषय है। उन्होने सिख नौजवानों प्रति खौफ का माहौल सृजन करने से गुरेज़ करने प्रति सरकार और पुलिस प्रशासन को कहते निर्दोष सिख नौजवानों को तुरंत रिहा करन की अपील की है।
दमदमी टकसाल के प्रमुख ने कहा कि बेकसूर सिख नौजवानों की राजनीति से प्रेरित पकड़ो पकड़ी को कुछेक की तरफ से अपने लाभ के लिए सांप्रदायक रंगत देना और प्रचारना देश के हित में भी नहीं होगा। उन्होने कहा कि बेकसूर सिख नौजवानों को निशाना बनाना, सिखों प्रति शक और नफ़रत की भावना को पैदा करना आदि सांप्रदायिक पत्ता सिखों में अलगाव और असुरक्षा की भावना को ओर मज़बूत करने का कारण बनेगा।
दमदमी टकसाल के प्रमुख ने भारत चीन सरहद पर तनाव प्रति भारत सरकार को सख़्त-स्पष्ट नीति और रणनीति अपनाने के लिए कहा है। उन्होने कहा कि बीते दिनों भारत-चीन सरहद लद्दाख़ में भारतीय फ़ौज की बिहार रैज़ीडैंट की मदद करते 3 सिख रैज़ीमैंट (घातक) के जवानों की तरफ से चीनी घुसपैठियों खिलाफ इतिहास को फिर सुरजीत करते दिखाई गई वीरता पर पूरी कौम फखर महसूस करती है। उन्होने कहा कि सिख कौम के योगदान को आँखों से अदृश नहीं किया जाना चाहिए।
बाबा हरनाम सिंह ख़ालसा ने केंद्र सरकार की तरफ से हाल ही में जारी किसान विरोधी कृषि आर्डिनैंस प्रति सख़्त ऐतराज़ जताया और उक्त आर्डिनैंस को तुरंत वापस लेने की माँग की। उन्होने कहा कि पंजाब खेती प्रधान प्रदेश है और कम से-कम समर्थन मूल्य (एम.एस.पी.) को ख़त्म करना और एफ.सी.आई. को भंग करने के साथ पंजाब और किसानों के हित प्रभावित होंगे, जो पहले ही कर्ज़े के बोझ तले हैं। उन्होने कहा कि किसानों के हित्तों के साथ सबंधित ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होने पंजाब की समूह राजसी पार्टियों और सांसदों को राजसी हितों की बजाय किसानों के हितों की रक्षा को पहल देने की अपील की है।