एक साल से 250 सेअधिक वेंटिलेटर किसकी नालायकी से क्यूँ फाँक रहे थे धुल, जवाब दे कैप्टन व सिद्धू : शर्मा

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कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में कैप्टन द्वारा आधे-अधूरे प्रशिक्षित छात्रों को उतारना सरासर गलत : अश्वनी शर्मा

 

चंडीगढ़/अमृतसर: 6 मई ( पवित्र जोत  ) : पंजाब का सेहत विभाग कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रहा है, लेकिन सेहत विभाग के पास न तो पर्याप्त डाक्टर हैं और न ही स्टाफ, जबकि मुख्यमंत्री और उनके सेहत मंत्री सहित पंजाब सरकार कोविड के विरुद्ध लड़ाई में रोज़ाना बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं। पंजाब में कोरोना की दूसरी लहर फैलने के बाद ध्वस्त हो चुकी सेहत सुविधाओं को दोबारा पटरी पर लाने के लिए मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह हर टोटका अजमाने में लगे हैं। इसके लिए अब उन्होंने डॉक्टरी तथा मेडिकल सेवाओं की पढ़ाई कर रहे छात्रों को भी कोरोना के विरुद्ध लड़ाई के लिए मैदान में उतार दिया है, जो कि सरासर गलत है। मुख्यमंत्री के इस कदम पर कड़ा संज्ञान लेते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने कहाकि इन आधे-अधूरे प्रशिक्षित छात्रों को कोरोना के विरुद्ध लड़ाई के मैदान में उतार कर मुख्यमंत्री व सेहत मंत्री जहाँ मरीजों की जिन्दगी से खिलवाड़ कर रहे हैं, वहीँ छात्रों की जिन्दगी भी खतरे में डाल रहे हैं।

अश्वनी शर्मा ने कहाकि केंद्र की मोदी सरकार ने पंजाब सरकार को कोरोना के खिलाफ जंग लड़ने के लिए 995 करोड़ रूपये तथा अन्य सामान दिए थे। केंद्र सरकार ने पूरे देश में स्थापित किए जाने वाले 162 मेडिकल ऑक्सीजन संयंत्रों में से पंजाब को तीन ऑक्सीजन संयंत्र आवंटित किए गए थे, जिसके लिए केंद्र ने धन भी उपलब्ध कराया था। लेकिन अमरिंदर सिंह सरकार की नालायकी के कारण, उनमें से कोई भी आक्सीजन प्लांट समय पर पंजाब में नहीं लगाया जा सका। शर्मा ने मांग की कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह जनता को बताएं कि केंद्र की मोदी सरकार द्वारा दिए गए पैसों का क्या किया?

                    अश्वनी शर्मा ने कहाकि अमरिंदर सरकार को पंजाब में कोरोना महामारी से लड़ने के लिए केंद्र की मोदी सरकार द्वारा ‘पी.एम. केयर्स फंड’ से 290 वेंटिलेटर भेजे गए थे, जिसमें से 250 वेंटिलेटर अमरिंदर सरकार की नालायकी की वजह से धूल फांकते रहे और अब उन्हें प्राइवेट अस्पतालों के सपुर्द कर सहयोग देने की बात कर रही है। शर्मा ने कहाकि वैंटिलेटर साल भर धुल क्यूँ फांकते रहे? कांग्रेस सरकार कहाँ और क्यों सोती रही? उन्होंने कहाकि जब एक साल पहले वैंटिलेटर भेजे ए थे, तो पंजाब सरकार ने उन्हें चलाने के लिए स्टाफ क्यूँ नहीं रखा? शर्मा ने कहाकि अमरिंदर सरकार की गलतियां के कारण आम लोगों को बहुत जानी और माली नुकसान उठाना पड़ रहा है। शर्मा ने कहाकि मुख्यमंत्री अमरिंदर जवाब दे कि प्रदेश की गरीब जनता को कोरोना से बचाने के लिए क्या प्रबंध किये हैं?

                    अश्वनी शर्मा ने कहाकि पंजाब सरकार कोरोना मरीजों के लिए अलग से क्वारंटाइन सेंटर बनाने चाहिए, क्यूंकि वहीँ पर डॉक्टर आम मरीजों की जांच कर रहे हैं और वहीँ कोरोना मरीजों की भी जांच की जा रही है। उन्होंने कहाकि पंजाब सरकार को पहले की तरह अलग से क्वारंटीन सेंटर बनाने चाहिए ताकि कोरोना को और फैंलने से रोका जा सके।

                    अश्वनी शर्मा ने पंजाब सरकार द्वारा कोरोना मरीजों के लिए आक्सीजन व्यवस्था को सुचारू किये जाने की माँग करते हुए कहाकि कुछ प्राइवेट अस्पतालों में आक्सीजन के लिए ज्यादा दाम वसूले जा रहे हैं, जिस पर स्वास्थ्य विभाग, पंजाब को लगाम लगाने की जरुरत है।

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