भाजपा कांग्रेस को भला बुरा कहने की बजाए महंगाई पर नियंत्रण करे: प्रो. लाल

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अमृतसर 22 फरवरी (पवित्र जोत) : पंजाब के पूर्व डिप्टी स्पीकर प्रो. दरबारी लाल के निवास स्थान ग्रीन एवेन्यू में कांग्रेसी कार्यकर्ताआंे की बैठक बुलाई गई। इस मौके प्रो. लाल ने केंद्र सरकार द्वारा लगातार तेल और रसोई गैस की कीमतों में बढ़ौतरी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते कहा कि भाजपा कांग्रेस को भला बुरा कहने की बजाए बढ़ती हुई महंगाई और तेल कीमतों पर बिना देरी नियंत्रण करे। केवल विपक्ष की आलौचना करने से समस्या का समाधान नहीं निकल सकता। सत्ता अब भाजपा के पास है और कांग्रेस 2014 से विपक्ष में है। महंगाई पर काबू पाना सत्ता पक्ष के हाथ होता है न की विपक्ष के। कांग्रेस के समय प्रधानमंत्री डाॅ. मनमोहन सिंह के शासनकाल में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 109 डाॅलर प्रति बैरल था। फिर भी कांग्रेस ने पैट्रोल और डीजल की कीमतों को नियंत्रण में रखा। परंतु अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत करीब-करीब 54 डाॅलर प्रति बैरल है। जोकि डाॅ. मनमोहन सिंह के समय से वर्तमान समय से बहुत तकरीबन आधी है। इसके बावजूद तेल की कीमत लगातार बढ़ने से स्पष्ट होता है कि सरकार की नियत ठीक नहीं है।
प्रो. लाल ने कहा कि कोरोना महामारी के पहले महीने तेल की कीमतें शून्य से भी कम हो गई थी। फिर भी केंद्र सरकार ने तेल की कीमतों को कम नहीं किया। हकीकत यह है कि भारत की अर्थव्यवस्था 8 नवंबर 2016 से नोटबंदी के समय से ही ढावाढोल होनी शुरू हो गई थी। इसके बाद बिना विचारे जीएसटी को भारत में लगा दिया गया और फिर कोरोना काल में एक दम आर्थिक गतिविधियों पर पाबंदी आयत कर दी गई। जिसके परिणामस्वरूप देश की जीडीपी -23 पर पहुंच गई। जबकि दूसरे देशों की अर्थव्यवस्था को इतना नुकसान नहीं पहुंचा। भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान, अफगानिस्तान, श्रीलंका के साथ साथ यूरोप के कई देशों ने आर्थिक गतिविधियों को बंद नहीं किया। जिससे वहां उद्यौगिक गतिविधियां चलती रही और लोग आर्थिक मामलों में खुशहाल रहे। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि भारत के पड़ौसी देशों में तो करीब-करीब पैट्रोल 50 रूपए प्रति लीटर बिक रहा है और भारत में 100 रूपए को भी पार कर चुका है। केंद्र सरकार तेल की कीमतों को लगातार बढ़ाने में लगी है जबकि जनसाधारण महंगाई की चक्की में बुरी तरह पीस रहे है। सरकार ने पिछले 7 वर्षों में 20 लाख करोड़ रूपया तेल बेचकर आमदन हासिल की है। तेल कंपनियों को पिछली सरकार द्वारा दी गई सबसिडी को भी बंद कर दिया गया है। भारत में 70 प्रतिशत लोग अपनी जमा पूंजी से गुजारा कर रहे है। जबकि उनकी आमदन न के बराबर हो चुकी है।
प्रो. लाल ने कहा कि भाजपा के नेता कांग्रेस को कोसने की बजाए प्रधानमंत्री से सलाह मशवरा करके तेल, गैस और खाद्याएं पदार्थों की कीमतों पर नियंत्रण करवाए, ताकि आम नागरिक आर्थिक परेशानी से बाहर निकल सके। इस अवसर पर राजा बरिंदर दयाल, अविनाश बेदी, भगत प्रहलवाद, रवि बख्शी, विनोद शर्मा, नवदीप शर्मा, जनकराज श्रीवास्तव, जतिंदर सिंह, भूपिंदर सिंह आदि मौजूद थे।

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