पंजाबी होने का फर्ज निभाएं पंजाब भाजपा नेता, ‘आप ‘ की भाजपा नेताओं को सलाह – अमन अरोड़ा

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…..लोक आवाज को दबाने वाली पार्टी का साथ छोडऩा ही अच्छा: परविंदर सेठी, नरेश पाठक, सीमा सोढी
अमृतसर, 6 दिसंबर (पवित्र जोत) :केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा पंजाब और देश भर के किसानों की आवाज को नजरअंदाज करते हुए उनके विरोध के बावजूद तीन काले कानूनों को वापस न लिए जाने संबंधी हैरानी और गुस्सा जाहिर करते हुए आम आदमी पार्टी ने प्रदेश के भाजपा नेताओं को इसके खिलाफ आवाज बुलंद करने की सलाह दी है।
मीडिया में जारी बयान के द्वारा आम आदमी पार्टी के सीनियर नेता और सुनाम से विधायक अमन अरोड़ा ने कहा कि इस समय केंद्र की मोदी सरकार सत्ता के नशे में चूर हो कर लोक आवाज को नहीं सुन रही। जिस कारण समाज के सभी वर्ग ही इस सरकार से तंग आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के भाजपा नेताओं को सच्चे पंजाबी होने का सबूत देते इन काले बिलों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करनी चाहिए। अरोड़ा ने कहा कि बहुत से सीनियर भाजपा नेता कई बार दबी आवाज में इन बिलों का विरोध कर चुके हैं। यहां तक कि भाजपा के सीनियर नेता मास्टर मोहन लाल ने भी पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए यह माना था कि मोदी सरकार पंजाब के किसानों की नब्ज समझने में फेल साबित हुई है।
अरोड़ा ने कहा कि अब तक केंद्र सरकार और किसान जत्थेबंदियों के बीच तीन काले बिलों को वापस लेने संबंधी पांच मीटिंगेंं हो चुकी हैं परंतु अभी भी केंद्र सरकार अपने अडिय़ल रवैये पर कायम है। उन्होंने कहा कि किसानों की मांगें बिल्कुल साफ और स्पष्ट हैं और यदि यह भी भाजपा नेताओं को समझ नहीं आ रही तो उनको सत्ता में रह कर लोगों का नेतृत्व करने का कोई हक नहीं। आप नेता ने कहा कि प्रदेश के नेता अपने सीनियर नेताओं के साथ मिल कर किसानों की होने वाली आगामी बैठक से पहले यह बात पहुंचाए कि यह काले कानून सचमुच ही पंजाब समेत पूरे देश की कृषि को तबाह कर देंगे।
      भाजपा की हरियाणा सरकार की ओर से किसानों पर किए अत्याचार का भी सख्त शब्दों में विरोध करते आम आदमी पार्टी के ज़िला प्रधानों ने कहा कि यह प्रजातांत्रिक कदरों-कीमतों का कत्ल है। आप नेता ने भाजपा की प्रांतीय लीडरशिप को संबोधित होते हुए कहा कि उनको यह समझ लेना चाहिए कि जिस पार्टी के लिए वह कार्य कर रहे हैं यह पंजाब के हितों की असली प्रतिनिधित्व नहीं करती। उन्होंने ने प्रदेश के नेताओं को बीजेपी की केंद्रीय लीडरशिप के खिलाफ आवाज उठा कर पंजाब के किसानों के हक दिलाने में अपना बनता योगदान डालने की भी सलाह दी।

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