प्रदेश भाजपा महिला मोर्चा की पहली विशेष कार्यकारणी सम्पन्न

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चंडीगढ़/अमृतसर: 1 दिसंबर (पवित्र जोत  ): भारतीय जनता पार्टी पंजाब के महिला मोर्चा की पहली विशेष कार्यकारणी प्रदेश महिला मोर्चा की अध्यक्षा मोना जैसवाल की अध्यक्षता में भाजपा मुख्यालय में हुई । जिसमें राज्यसभा सांसद व प्रदेश भाजपा प्रभारी दुष्यंत गौतम व राष्ट्रीय महिला मोर्चा अध्यक्षा वानती श्रीनिवासन विशेष रूप से उपस्थित हुईं । इस कार्यकारिणी में उनके साथ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अश्वनी शर्मा व संगठन महामंत्री दिनेश कुमार, प्रदेश महासचिव जीवन गुप्ता व डॉ. सुभाष शर्मा के अतिरिक्त प्रदेश की भाजपा नेत्रियाँ, जिला अध्यक्षा और प्रदेश भाजपा महिला मोर्चा की पदाधिकारी व कार्यकारिणी सदस्य भी उपस्थित थे । इस कार्यकारिणी का शुभारम्भ दीप प्रज्वलित कर किया गया ।

दुष्यंत गौतम ने उपस्थित कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहाकि महिला समाजिक व पारिवारिक संस्कृति की मुख्य सूत्रधार है । महिलाएं जीवन के हर क्षेत्र में अपनी क्षमता साबित कर चुकी हैं । अगर महिला का उद्धार होगा तो समाज व देश का उद्धार होगा । महिलाओं का उद्धार तभी होगा जब वो अपने हक्क की आवाज बुलंद करेगी । अपने घर से लेकर देश की स्वच्छता के लिए अगर महिलाएं इकट्ठा होकर प्रयत्न करें तो देश व समाज की तस्वीर बदल जाएगी । भारतीय जनता पार्टी एक ऐसा दल है जिसमें महिलाओं को सबसे ज्यादा उम्मीदवार बनाया जाता है और उन्होंने  विजयी हो कर भाजपा का मान बढ़ाया है ।

दुष्यंत गौतम ने कांग्रेस पर राष्ट्र विरोधी व पंजाब विरोधी होने का आरोप लगाया । देश के 85 प्रतिशत लोग प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी, उनकी राष्ट्रहित व जन-हितैषी नीतियों को बहुत पसंद करते हैं । इसलिए आज प्रधानमंत्री मोदी विश्व के सबसे लोकप्रिय नेता हैं । कांग्रेस की यही सबसे बड़ी परेशानी है । आज पंजाब का माहौल बिगाड़ने के पीछे पंजाब की कांग्रेस पार्टी का हाथ है ।

वानती श्रीनिवासन ने उपस्थित कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहाकि आज राजनीति में महिलाओं की भूमिका सबसे अहम होनी चाहिए थी लेकिन महिलाओं की भागीदारी में कोई खास बढ़ोतरी नहीं हो पाई है । महिलाएं जीवन के हर क्षेत्र में अपनी क्षमता साबित कर चुकी हैं । भारतीय जनता पार्टी एक ऐसा दल है जिसमें महिलाओं को सबसे ज्यादा उम्मीदवार बनाया जाता है और उन्होंने  विजयी हो कर भाजपा का मान बढ़ाया है । राजनीतिक हिस्सेदारी के मामले में सभी पार्टियों का रवैया लगभग एक जैसा होता है, आजादी के सात दशक बाद भी संसद में महिलाओं की हिस्सेदारी मात्र 12 प्रतिशत ही है और इसमें सबसे ज्यादा महिला संसद सदस्य भाजपा के हैं । विधान सभा, लोकसभा और राज्यसभा में महिलाओं के लिए आरक्षण की कोई स्थाई व्यवस्था नहीं है । इसलिए पार्टियों का तर्क होता है कि सरकार बनाने के लिए जिताऊ उम्मीदवारों को टिकट दिया जाता है । वानती ने कहाकि आने वाले विधानसभा चुनाव में महिलाएं भाजपा की जीत में अहम भूमिका निभाएंगी ।

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