अमृतसर 27 नवंबर (राजिंदर धानिक ): दमदमी टकसाल के प्रमुख और संत समाज के प्रधान संत ग गियानी हरनाम सिंह खालसा ने कहा कि केंद्र सरकार के खेती सम्बन्धित कानूनों के ख़िलाफ़ लोकतंत्र विधि के साथ संघर्ष कर रहे किसानों को दिल्ली जाने से पहले रोके जाना लोकतंत्र का शोषण है। उन्होंने कहा कि दमदमी टकसाल किसान संघर्ष की हिमायत करती है। उन्होंने कहा कि जन हितकारी या लोग समर्थकी सरकारें वह हैं जो जनता की सुने और उन की समस्याएँ को समझ कर दूर करे परन्तु यहाँ सरकार ही ख़ुद एक समस्या बन चुकी है। किसी भी सरकार के पास अपनी बात रखनी या सरकारी नीतियों ख़िलाफ़ रोश मुज़ाहरा करना किसानों का लोकतांत्रिक हक है परन्तु यहाँ केंद्र सरकार किसानों के लोकतांत्रिक हक छीनने पर तुली हुई है। उन्होंने केंद्र सरकार को कहा कि देश व्यापक किसान लहर को दमन के साथ दबाने की प्रक्रिया के साथ हर तरफ़ हफड़ा -दफड़ी का बन रहा माहौल और तनावपूर्ण स्थिति देश के हित में नहीं होगा। उन्होंने केंद्र सरकार को विवादित खेती कानूनों को रद्द करने की किसानों की माँग पर विचार करने की भी अपील की। उन्होंने हरियाणा की खट्टर सरकार की तरफ से दिल्ली जा रहे किसानों का रास्ता रोकने की भी सख़्त आलोचना की और किसानों की वकालत करते कहा कि केंद्र के खेती कानूनों ख़िलाफ़ किसान दिल्ली जाना चाहते हैं तो यह उन का कानूनन हक है। परन्तु हरियाणा ने पंजाब और ओर सूबों से हरियाणा में से गुज़र कर दिल्ली जाने वाले सब रास्ते बंद करने के लिए कँटीली तारों लाने को अमानवी काम और बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर देने, सब रास्तों को बड़े -बड़े पत्थर पर रोक लगा कर मुकम्मल तौर पर बंद करने, किसानों पर पानी की बुछाड़ें मारने, आँसू गैस्स छोड़ने और किसानों पर लाठीचार्ज करन की भी सख़्त निषिद्धता की।