रेलें बहाल होने से आटो चालकों में ख़ुशी की लहर

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लगभग 35 हज़ार आटो चालकों के परिवार पर छाया रोटी का संकट हुआ दूर

अमृतसर 27 नवंबर (पवित्र जोत) : पहले लोक डाउन और फिर रेलें बंद होने से अमृतसर में रोज़मर्रा की आने वाले लगभग 1लाख के करीब यात्रियों में आई बड़ी कमी के कारण जहाँ सैर सपाटा उद्योग को बड़ा ह्रास लगा था, वहां शहर में चलते 35 हज़ार के करीब आटो चालकों परिवारों को रोटी के लाले पड़ गए थे। रोज़ी रोटी के संकट के साथ जूझ रहे इन आटो चालक अब रेलों के बहाल होने साथ खुश हैं और उनको फिर अच्छे दिनों की आशा बंधी है। इस सम्बन्धित बताते हुए आटो चालक यूनियन के प्रधान हरपाल सिंह यू.के ने बताया कि जिले में करीब 35 हज़ार आटो चालक हैं जो अपने करीब 1.50 लाख पारिवारिक सदस्यों के लिए रोटी रोज़ी का गुज़ारा रोज़मर्रा की शहर आए श्रद्धालुओं और सैलानियों की आमद के साथ करते थे। उन्होंने बताया कि रेलों के बंद होने से अमृतसर में भारी संख्या में बाहर से आने वाले यात्री एक दम रुक गए,जिस कारण इन ऑटो चालक के परिवारों को रोटी का संकट खड़ा हो गया था। हरपाल सिंह ने बताया कि पहले लाक डाउन के कारण आटो चालकों की तरफ से अपने परिवार का पेट पालने के लिए आटो में ही फल और सब्जी आदि बेचने का भी काम किया गया और लाक डाउन के बाद अभी थोड़े दिन ही काम चला था कि किसान यूनियनों के धरने के कारण रेल बंद हो गई, जिस कारण यह दैनिक वेतन भोगी कामगार बुरी तरह परेशान थे।

आटो चालक यूनियन के प्रधान ने मुख्य मंत्री पंजाब कैप्टन अमरिन्दर सिंह का धन्यवाद करते कहा कि उनके प्रयासों से किसानों की तरफ से रेलवे ट्रैकों से अपना धरना उठा लिया गया है और अब रेलों की यातायात बहाल होने साथ फिर यात्री अमृतसर के लिए आऐंगे। उन्होंने बताया कि रेलों के बहाल होने से आटो चालकों के साथ साथ सैर सपाटे के व्यापार के साथ जुड़े हरेक व्यक्ति में ख़ुशी की लहर पाई जा रही है।

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