चंडीगढ़ /अमृतसर: 21 नवंबर (राजिंदर धानिक ) भारतीय जनता पार्टी ने कैप्टन सरकार को प्रदेश के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को उच्च शिक्षा के लिए फंड मुहैया न करवाने तथा विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ करने के लिए जिम्मेदार ठहराया। पंजाब भाजपा के महासचिव डॉ. सुभाष शर्मा ने कहाकि पंजाबी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बी.एस. घुमन द्वारा अपने पद से इस्तीफा दिया जाना राज्य के लिए बहुत ही अपमानजनक है, क्योंकि पंजाब सरकार ने कर्मचारियों के वेतन के लिए पंजाबी विश्वविद्यालय को पर्याप्त फंड उपलब्ध नहीं कराया। शर्मा ने कहा कि यह शिक्षण समुदाय और अनुसंधान विद्वानों का एक बड़ा अपमान है । उन्होंने खेद व्यक्त किया कि पंजाबी विश्वविद्यालय 150 करोड़ रुपये के कर्जदार और कैप्टन सरकार ने विश्वविद्यालय की मदद के लिए कुछ नहीं किया है । डॉ. शर्मा ने कहाकि पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ और पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी, जालंधर की हालत भी खस्ता है और दोनों गंभीर आर्थिक संकट में है, क्योंकि कांग्रेस सरकार ने उन्हें फंड भी फंड नहीं दिया है । पीटीयू के लिए भेजे गए करोड़ों रुपये के फंड को कांग्रेस सरकार ने विश्वविद्यालय के संपूर्ण शिक्षा ढांचे के साथ खिलवाड़ कर वापस भेज दिया गया है । इसी तरह, पंजाब सरकार अपने हिस्से की धनराशि न देकर पंजाब यूनिवर्सिटी को बंद करने की कगार पर ला रही है । पिछले वित्त वर्ष में यूजीसी के 233 करोड़ रुपये के अनुदान के मुकाबले, पंजाब सरकार ने 30 करोड़ रुपये दिए, जबकि राज्य सरकार को विश्वविद्यालय को 40 प्रतिशत धनराशि का योगदान देना चाहिए था। इसी तरह, 2017-18 और 2018-19 में पंजाब सरकार ने क्रमशः 27 करोड़ रुपये और 28.6 करोड़ रुपये दिए, जो कि इसके मैडिटेटिव शेयर से बहुत कम था । डॉ. शर्मा ने कहाकि पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी और महाराजा रणजीत सिंह टेक्निकल यूनिवर्सिटी भी इसी तरह की निराशाजनक वित्तीय संकट के बारे में बता चुके हैं, जिसके कारण पूरी शिक्षण और अनुसंधान गतिविधियाँ ध्वस्त हो गईं हैं । शर्मा ने राज्य के निजी विश्वविद्यालयों की मदद करने के लिए जान-बूझकर ऐसे प्रमुख शिक्षण संस्थानों को बंद करने के कगार पर लाने के लिए कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया । डॉ. शर्मा ने कहाकि अमरिंदर सिंह सरकार की ढुलमुल और पक्षपाती नीतियों के कारण पंजाब में सरकारी उच्च शिक्षा संस्थान अपंग हो गए हैं, जबकि सभी निजी संस्थान समृद्ध हैं । उन्होंने उच्च शिक्षा के लिए राज्य-कोष के दुरुपयोग की उच्च-स्तरीय जांच की मांग की ताकि पंजाब में शिक्षकों और छात्रों के भविष्य के साथ हो रहा खिलवाड़ बंद हो सके ।