अमृतसर, 13 फरवरी (पवित्र जोत) : पंजाब के पूर्व डिप्टी स्पीकर प्रो. दरबारी लाल ने राष्ट्र के रक्षामंत्री श्री राजनाथ सिंह द्वारा राष्ट्र की सर्वोच्च सत्ता संसद में दिए गए बयान कि चीन लद्दाख से 20 किलोमीटर पीछे हट रहा है पर सख्त प्रतिक्रिया व्यक्त करते कहा कि मई महीने में प्रधानमंत्री जी ने लद्दाख के मामले पर कहा था कि चीन ने भारत की एक ईंच जमीन पर कब्जा नहीं किया। जब चीन ने कब्जा नहीं किया तो फिर चीन किस जमीन को छोड़ कर वापिस जा रहा है। हकीकत में गत वर्ष जब चीन ने भारत को धोखे में रखकर लद्दाख के बहुत बड़े क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था, जिसकी पुष्टि समाचार पत्रों और कई इलेक्ट्रोनिक चैनलों ने की थी। परंतु देश के प्रधानमंत्री ने बिल्कुल इसके विपरित बयान दिया था, जो लोगों को गुमराह करने वाला था। प्रधानमंत्री ने लद्दाख सैनिकों की तो प्रशंसा की, परंतु आक्रमणकारी चीन का नाम किसी जगह नहीं लिया। आखिर इस तरह की बयानबाजी के पीछे कौन सी कूटनीति है।
प्रो. लाल ने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा के आसपास गोगरा पोस्ट, हाॅट स्प्रिंग, गलवान घाटी और देपसांग प्लेस मौजूद है। जिन पर समझौता होना अभी बाकी है। क्योंकि पिछले वर्ष गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों में जबरदस्त मुठभेड़ हुई। जिसमें भारत के 20 शूरवीर सैनिक शहीद हो गए और 50 चीनी सैनिक भी मारे गए। तब से लेकर आज तक दोनों देशों की सेनाएं आमने सामने खड़ी है। अभी तक सिर्फ पैगांग झील क्षेत्र से दोनों देशों की सेनाएं पीछे हट रही है। चीनी सैनिकों के पीछे हटने से स्पष्ट हो गया है कि उन्होंने भारत की जमीन पर कब्जा किया हुआ था। जिसे प्रधानमंत्री ने कभी भी स्वीकार नहीं किया। इतिहास साक्षी है कि भारत और चीन में कोई वास्तविक नियंत्रण रेखा है ही नहीं। यदि दोनों देशों को आपस में दोस्ताना माहौल पैदा करना है तो एक नियंत्रण रेखा को सुनिश्चित करना अति आवश्यक होगा।
प्रो. लाल ने कहा कि चीन 1949 के बाद लगातार दूसरे देशों पर जबरदस्ती कब्जा कर रहा है। जिसमें तिब्बत, तुर्कीस्तान का शियांग प्रांत, इनर मंगोलिया और अब वो ताइवान और हांगकांग पर भी कब्जा करना चाहता है। यद्यपि चीन लद्दाख से पीछे हट रहा है, भारत को अपने आप को इतना सुढ़ करना होगा कि भारत किसी भी हालात में चीन का मजबूती से मुकाबला कर सके। क्योंकि पहले ही उसने भारत के एक्साइचीन पर कब्जा किया हुआ है। परंतु राष्ट्र की सर्वोच्च पद्वि पर शोभाएमान प्रधानमंत्री को कभी भी किसी भी मामले में पर लोगों को गुमराह नहीं करना चाहिए और अब रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के बयान से स्पष्ट हो गया है कि चीन ने ही हमारे इलाके पर कब्जा किया हुआ था। जिसे प्रधानमंत्री छिपाते रहे है दोनों में सच्चा कौन है? प्रधानमंत्री या रक्षामंत्री लोग इस पर गंभीरता से विचार करे। प्रो. लाल ने कहा कि इस हकीकत को जानने के लिए सांसदों का एक शिष्टमंडल लद्दाख भेजा जाए, जो पूरी जानकारी हासिल करके राष्ट्र के सामने ला सके।