भारतीय संविधान विश्व मे सर्वश्रेष्ठ : प्रो लाल

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अमृतसर 26 नवम्बर ( ‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌पवित्र जोत ): पजाब के पूर्व डिप्टी स्पीकर एवं इतिहास के प्रो. दरबारी लाल ने अपने निवास स्थान ग्रीन एवेन्यू में एक बैठक के दोरान कहा कि 26 नवंबर 1949 भारतीय संविधान मे एक बडा महत्वपूर्ण स्थान रखता है । क्योकि इस शुभ दिन पर डा. भीम राव अंबेदकर ने असेंबली द्वारा निर्मित किए गए संविधान को पास करने का प्रस्ताव रखा था ।जिसे सविधान सभा ने सर्वसम्मति से पास करके स्वतन्त्र भारत को अपना संविधान दे दिया। संविधान को बनाने में दो साल ग्यारह महीने और अठारह दिन लगे । संविधान सभा के प्रधान डा.राजेंद्र प्रसाद थे जो बाद मे राष्ट्रपति बने और लेखाकार कमेटी के चेयरमैन डा.भीमराव अंबेडकर थें । जिन्होंने अपनी योग्यता, कार्यकुशलता और दूरदर्शिता से विश्व मे सबसे बड़े संविधान का निर्माण किया । 284 सदस्यों ने इस पर हस्ताक्षर किए । भारतीय संविधान ठोस भी है और लचीला भी ।
प्रो. लाल ने कहा कि संविधान मे विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका
की अलग-अलग शकितयो का विस्तार पूर्वक वर्णन किया गया है ।इसमें मौलिक अधिकारों, कर्तव्यो तथा नीति निर्देशक सिद्धातो का भी वर्णन है ।
संविधान में न्याय ,स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे का भी बडे विवेकपूर्ण तरीके से विशलेषण किया गया है । सविधान राष्ट्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए एक अति पवित्र ग्रन्थ है जिसे राष्ट्र के नीति निर्माताओं प्रसिद्ध विधिवेताओ ,राष्ट्र भक्तो ,स्वतन्त्रता सेनानियों ,विद्वानों, दार्शनिकों और राष्ट्र निर्माताओ ने कड़ी मेहनत और भिन्न-भिन्न देशो के संविधानों का गंभीरता से अध्ययन करके भारतीय संविधान को संकलित किया ।
प्रो .लाल ने डा. राजेन्द्र प्रसाद द्वारा 26 नवंबर 1949 के भाषण की कुछ पकितयो का जिक्र करते हुए कहा कि यदि जन-प्रतिनिधि ईमानदार,चरित्रवान और विचारशील व्यक्ति होगे तो वह सफ़लता पूर्वक संविधान को व्यवहारिक रुप प्रदान कर सकेगे यदि स्वार्थी और बेईमान आ जाएंगे तो वह समूचे देश मे अव्यवस्था फैला देगे ,क्योंकि सविधान तो केवल एक मशीन है जिसे ठीक तरीके से चलाने की जिम्मेदारी जन-प्रतिनिधियो की होगी क्योकि भारत में कई धर्म, कई जातिया , भिन्न भिन्न भाषाए
और प्रदेश है । इन सब मे सौहार्द रखने के लिए बड़े योग्य जन प्रतिनिधियो की जरुरत होगी । आओं , आज हम सब मिलकर यह संकल्प ले कि हम सविधान के अनुसार अपनी जिम्मेदारीया निभाए और भारत को विश्व मे अग्रनी देश बना सके । इस अवसर पर राम प्रकाश शर्मा, भगत प्रहलाद, अविनाश टोपी,जवाहर पाठक, , नवदीप शर्मा, जनक राज श्रीवास्तव , केवल शर्मा , सतीश छाबड़ा आदि मौजूद थे ।

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