जुगनी चली गई किस देश
अमृतसर 21 नवंबर (पवित्र जोत): पंजाबियों के दिलों में बसी लम्बी अलाप अब सितारों का हिस्सा बन गई है। लगभग आधी सदी पंजाबियों के दिलों पर राज करने वाली गुरमीत बावा जिस्मानी तौर पर इस संसार को अलविदा कह कर अपने पीछे सुरों और सरगमों का एक सुनहरा इतिहास छोड़ गई है।
पंजाबी गायकी में अगर कोई गायक परिवार यह दावा कर सकता है कि उसने केवल परिवारिक और लोकगीत ही गाए हैं तो वह गुरमीत बावा का परिवार ही है। उन्होंने पंजाबियों को यह एहसास करवाया कि अपनी मिट्टी के साथ जुड़ा जाए।
पंजाबी जगत और सभ्याचार के साथ जुड़े डाक्टर कुलदीप सिंह दीप, भुपिन्दर सिंह संधू ने जानकारी देते हुए बताया कि गुरमीत बावा की मौत के साथ पूरे देश को कभी भी पूरा न होने वाली कमी हुई है। इनकी मौत के साथ संस्कृति,लेखक, राजनैतिक,धार्मिक, सामाजिक संस्थायों के लोगों की तरफ से भी गहरे दुख का प्रगटावा किया गया।