रजिस्ट्रेशन कैंसल होने के साथ छह महीनो की हो सकती है कैद
सरकारी टीमें घर -घर जा कर कर रही मरीज़ों की पहचान,लगेंगे कैंप
अमृतसर,20 सितम्बर (पवित्र जोत)- सेहत विभाग टीम टी.बी के ख़ात्मे को लेकर साल 2025 के टारगेट मुताबिक पूरे उत्साह और ज़ोर शोर के साथ काम कर रहा है। सरकारी अस्पतालों के इलावा टी.बी की बीमारी के ख़ात्मे को लेकर प्राईवेट अस्पतालों को भी दिशा निर्देश जारी किये जा रहे हैं। सरकार और सेहत विभाग की तरफ से प्राईवेट अस्पतालों को ताड़ना करते दिशा निर्देश जारी किये गए हैं कि प्राईवेट अस्पतालों के जो डाक्टर सरकार को मरीज़ों सम्बन्धित नोटीफ़ाईड किये बगैर दवाएँ लिख रहे हैं उनके साथ सख्ती के साथ पेश आया जायेगा। सरकार के आदेशों की पालना न करने वाले की रजिस्ट्रेशन कैंसल कर दी जायेगी और उसे छह महीनो की कैद तक भी हो सकती है। विभाग को मिली जानकारी मुताबिक कई डाक्टर दवा तो लिख रहे हैं परन्तु नोटीफाईड नहीं कर रहे हैं।
इस सम्बन्धित बातचीत करते ज़िला टी.बी अधिकारी डा.नरेश चावला ने बताया कि कि बीमारी के ख़ात्मे और रोकथाम को लेकर प्राईवेट अस्पतालों के सम्बन्धित डाक्टर सरकार के विभाग को अपना पूरा सहयोग दें, ऐसा न करने की सूरत में उनके ख़िलाफ़ कानूनी कार्यवाही भी की जा सकती है। ऐसे डाक्टरों की लिस्ट तैयार करके उन को नोटिस भेजे जाएंगे। डाक्टर चावला ने कहा कि ज़िला अमृतसर में काफ़ी अस्पतालों के सहयोग के साथ नोटीफाईड किये जा रहे हैं विभाग ऐसे डाक्टरों का धन्यवाद करता है। सहयोग देने वाले डाक्टरों को विशेश सर्टिफिकेट देकर सम्मानित भी किया जायेगा।
डा.चावला ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में टी.बी की बीमारी के मरीज़ों को फ्री दवाओं देकर फ्री टैस्ट किये जा रहे हैं। इसको लेकर प्राईवेट अस्पतालों की तरफ से बीमारी के ख़ात्मे को लेकर एक जुट्ट होकर काम करना चाहिए। कई प्राईवेट डाक्टर मरीज़ों का पूरा डाटा नहीं दे रहे हैं और मरीज़ सरकारी स्कीमों से वंचित रह रहे हैं। सेहत विभाग की टीमें घर घर जा कर मरीज़ों की पहचान कर रही हैं। जिस को लेकर अलग अलग इलाकों में कैंप भी लगाए जाएंगे। डा.चावला ने कहा कि टी.बी की बीमारी के साथ सम्बन्धित मरीज़ों को अपने इलाज के लिए ख़ुद आगे आना चाहिए। मरीज़ों को शारीरिक तौर पर मज़बूत बनाने के लिए उनके बैंक खातों में डाले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि टी.बी का सही समय पर इलाज करन के साथ कीमती जानें को बचाया जा सकता है।