मुख्यमंत्री ने भाजपा नेताओं को सुरक्षा का दिया आश्वासन

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अश्वनी शर्मा के नेतृत्व में भाजपा शिष्टमंडल ने मुख्यमंत्री आवास के बाहर दिया धरना

भाजपा नेताओं पर हमले तथा बंधक बनाने को लेकर अश्वनी शर्मा मिले मुख्यमंत्री से, दिया माँगपत्र

चंडीगढ़/अमृतसर: 12 जुलाई (राजिंदर धानिक ) : पटियाला तथा राजपुरा में भाजपा नेताओं पर किसानों के वेश गुंडातत्वों द्वारा पुलिस की आँखों के सामने किए घातक जानलेवा हमले तथा प्रदेश में अन्य कई स्थानों पर हुए जानलेवा हमलों को लेकर भारतीय जनता पार्टी पंजाब के कोर ग्रुप का शिष्टमंडल ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अश्वनी शर्मा के नेतृत्व में पंजाब के मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के आवास के बाहर धरना दिया। घर के बाहर भाजपा के धरने के देख कर मुख्यमंत्री ने उन्हें अंदर आकर बैठने तथा दस मिनट इंतजार करने को कहा, लेकिन अश्वनी शर्मा ने धरना नहीं उठाया। आखिरकार 15-20 मिनट बाद मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह आवास में बने अपने कार्यालय में पहुंचे तथा तब जाकर अश्वनी शर्मा के नेतृत्व में भाजपा शिष्टमंडल ने उनसे मुलाकात की और भाजपा नेताओं पर हो रहे जानलेवा हमलों तथा प्रदेश में ध्वस्त हो चुकी कानून-व्यवस्था के बारे में विस्तृत जानकारी दी। अश्वनी शर्मा ने मुख्यमंत्री को अपना माँगपत्र भी सौंपा।
अश्वनी शर्मा ने कहा कि पिछले करीब एक वर्ष से पंजाब में भाजपा नेताओं पर पुलिस के आँखों के सामने लगातार जानलेवा हमले हो रहे हैं और पुलिस इस दौरान मूकदर्शक बन कर तमाशा देखती रहती है। इस संबंध में पुलिस ने कई जगह खानापूर्ति के लिए मामले भी दर्ज किए हैं, लेकिन वो भी अज्ञात लोगों के खिलाफ, लेकिन आज तक पुलिस ने भाजपा नेताओं, कार्यकर्ताओं, भाजपा कार्यलयों व भाजपा के कार्यक्रमों में जानलेवा हमला करने तथा तोड़फोड़ करने वाला कोई भी आरोपी गिरफ्तार नहीं किया है। इन मामलों के सबंध पर समय-समय पंजाब के राज्यपाल माननीय वी.पी. सिंह बदनौर, डी.जी.पी. पंजाब तथा हमलों वाली जगह के पुलिस अधिकारीयों को शिकायतें देने के बावजूद भी आरोपियों के विरुद्ध कोई कारवाई नहीं की गई।
अश्वनी शर्मा ने कहा कि कल पटियाल तथा राजपुरा में कथित किसानों ने पुलिस की आँखों के सामने गुंडागर्दी का नंगा नाच किया और भाजपा के नेताओं को 15 घंटे तक बंधक बनाया और जहाँ भाजपा नेता बैठे थे वहां की बिजली भी काट दी गई। इस सारे घटनाक्रम के दौरान पुलिस मूकदर्शक बन कर तमाशा देखती रही। उन्होंने कहाकि आखिरकार पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट को रात को खुलवा कर माननीय न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने कार्यवाही की और बंधक बनाए गए भाजपा नेताओं को छुड़ाया। शर्मा ने कहाकि भाजपा नेताओं के कार्यक्रमों की सूचना सिर्फ पुलिस को होती है, तो इसकी जानकारी कथित किसानों तक कैसे पहुँचती है। इसका साफ़ मतलब ये है कि यह सब कुछ सरकार और पुलिस की मिलीभगत से हो रहा है। शर्मा ने कहाकि भाजपा की जनता में बढ़ चुकी लोकप्रियता के कारण विपक्ष जानता है कि इस बार जनता उन्हें सत्ता से बेदखल करके छोड़ेगी। इसलिए वो भाजपा को जनता से मिलने से रोकने के लिए इअसे नीच हथकंडों का सहारा ले रहे हैं। उन्होने कहाकि भाजपा डरने वाली नहीं है।
अश्वनी शर्मा ने कहा कि भाजपा नेताओ पर हुए हमलों तथा प्रदेश में ध्वस्त हो चुकी कानून-व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री के कानों तक आवाज पहुँचाने के लिए मुख्यमंत्री आवास के बहार धरना दिया गया था, जिस पर आखिरकार मुख्यमंत्री ने भाजपा शिष्टमंडल को बुलाकर बात की और भाजपा शिष्टमंडल ने उन्हें विस्तृत जानकारी दे कर अपना मांगपत्र सौंपा है। मुख्यमंत्री ने जानकारी हासिल करने के बाद डी,जी.पी. पंजाब को भाजपा नेताओं तथा उनके कार्यक्रमों की सुरक्षा यकीनी बनाने के जरुरी दिशा-निर्देश जारी किए। शर्मा ने कहाकि मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि आगे से वह इस मामले संबंधी खुद देखरेख करेंगें तह प्रदेश में कानून-व्यवस्था यकीनी बनाई जाएगी।
इस शिष्टमंडल में राष्ट्रीय भाजपा प्रवक्ता इक़बाल सिंह लालपुरा, पूर्व मंत्री मदन मोहन मित्तल, मनोरंजन कालिया, सुरजीत ज्याणी, प्रो. राजिंदर भंडारी, तीक्ष्ण सूद, प्रदेश भाजपा महासचिव जीवन गुप्ता, डॉ. सुभाष शर्मा, राजेश बागा, दयाल सिंह सोढ़ी, अनिल सरीन, हरजीत सिंह गरेवाल, बिक्रमजीत सिंह चीमा, एन.के. वर्मा आदि उपस्थित थे।

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