अमृतसर 11जून (राजिंदर धानिक) : सेहत विभाग द्वारा सिविल सर्जन अमृतसर चरणजीत के दिशा निर्देशों अनुसार मलेरिया जागरूक मुहिम द्वारा मलेरिया को रोकने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इन प्रयासों के तहत जिला एपडमोलोजिस्ट डॉक्टर मदन मोहन द्वारा सिविल सर्जन दफ्तर के कूलर और टैंकियो का निरीक्षण किया गया और किसी भी जगह पर लारवा नहीं मिला। इस अवसर पर डॉ मदन मोहन ने कहा कि मलेरिया से बचने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि मच्छर की पैदावार को ही रोका जाए क्योंकि इलाज से परहेज ज्यादा जरूरी है। उन्होंने मलेरिया की बीमारियों के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि छत पर रखे हुए बेकार सामान को छत पर रखने की बजाय नष्ट कर देना चाहिए या फिर उसे फेंक देना चाहिए। दिन के समय पूरी बाजू वाले कपड़े पहनने चाहिए और मच्छर को भगाने वाली क्रीम आदि का इस्तेमाल भी हमें मलेरिया से बचा सकता है । मलेरिया एक वायरल बुखार है जो कि मादा ऐनाफ्लीज नाम के मच्छर के काटने से पैदा होता है जिस के लक्षण सिर दर्द और तेज बुखार मांसपेशियों और जोड़ों का दर्द उल्टियां नाक मुंह और मसूड़ों में खून बहना आदि है। मलेरिया बुखार उसके शक होने की सूरत में तुरंत सरकारी अस्पताल में ही फ्री चेकअप और इलाज करवाएं। इस मौके पर डिप्टी एम ई आई ओ अमरदीप सिंह एसआई गुरुदेव सिंह और अन्य स्टाफ मौजूद था