श्री अमृतसर साहिब में सिगरेट और अन्य तंबाकू प्रोडक्ट  कानून 2003 की उड़ाई जा रही है धज्जियाँ – कर्म गिल

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गुरू नगरी अमृतसर साहिब की पवित्रता को मुख्य रखते तम्बाकू की मशहूरी पर हो पूर्ण पाबंदी
अमृतसर 16 मई (पवित्र जोत) :गुरू ज्ञान नाथ वाल्मीकि धर्म समाज (र)  के नेशनल प्रधान करमजीत सिंह गिल  ने बातचीत दौरान बताया कि सिगरेट और तम्बाकूनोशी एक्ट नंबर 32 आफ 2003 जोकि राजसभा की तरफ से 09.04.2003,को और लोक सभा की तरफ से 30.04.2003 को पास किया गया और माननीय राष्ट्रपति की तरफ से 18.05.2003 को मंज़ूरी दी गई, और 01.05.2004 से इस को लागू कर दिया गया और 2008 में इस कानून रही सिगरेट, बीड़ी तबाकु गुटका जैसे पदार्थ पर मशहूरी या इशतेहार द्वारा इसको बेचने पर पूर्ण तौर पर पाबंदी   लगा दी गई।

जैसे कि हम सभी जानते हैं कि तम्बाकू के साथ हर साल 10 लाख भारतीय मरते हुए हैं। बीड़ी और सिग्रेट पीने वाले व्यक्ति अपनी आम ज़िंदगी से 5से 6साल पहले ही मर जाते हैं और यदि यही सिलसिला चलता रहा तो तम्बाकू के साथ यह मौतों की दर ओर भी तेज़ी के साथ अधिक हो जायेगी। इस दौर में चल रही करोना वायरस कोविड – 19 की बीमारी जो ख़ास तौर और फेफड़ों को प्रभावित करती है इस के साथ सिग्रेट और तम्बाकूनोशी करने वाले व्यक्तियों की जान को ओर भी ज़्यादा ख़तरा पैदा हो गया है क्योंकि सिग्रेट और तम्बाकूनोशी के साथ भी आखिर फेफड़ों पर प्रभाव पड़ता है।

एक सर्वे के मुताबिक 2000 में मुँह के कैंसर के 49632 केस थे जिन में से 29054 मरने वाले  थे। एक ताज़ा सर्वे के मुताबिक 267 मिलअन लोग तम्बाकू का सेवन करते हैं जिनमें 15 साल से ज़्यादा के बालिग़ भी शामिल हैं और 28.6 %लोग कुल आबादी के इस वक्त जिन में 42.4 %पुरुष और 14.02 % औरते ऐसे तम्बाकू पदार्थों का प्रयोग कर रही हैं और यह इन पदार्थों का प्रयोग अब 13 से ले कर 18 साल तक और नौजवान, बच्चे बच्चियाँ और औरतों में अधिक हो रही है और इक सर्वे के मुताबिक 2016 में 85 मिलअन सिग्रेटों भारत में बेचें गई और यदि तम्बाकू इंडस्ट्री की बात करें तो आई टी
सी लिमटड जो कि ब्रिटिश अमेरिकन तम्बाकू कंपनी जिसका सिग्रेट मार्केट और भारत में 77 %कंट्रोल स्पलाई है जबकि गार्ड फ्रे फिलिप्स इंडिया सिर्फ़ 9%का मार्केट में हिस्सेदार है और भी यह टी इडस्ट्री 8%है।

इस एक्ट के मुताबिक किसी भी सार्वजनिक स्थानों और खुलीं स्थानों जिनमें ओडोटोरिअम, सिनेमा हाल, अस्पताल, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, जिनमें एयरकराफट, बसें, स्कूल, ट्रेनों, मेट्रो, मोनो रेल, टैक्सी, रैस्टोरैंट, होटल, बार, , अम्युजमैंट सैंटर,सरकारी और प्राईवेट दफ़्तर, लाइब्रेरी, अदालतों, डाकख़ाने, मार्केट, शोपिंग माल, कन्नटीनें, खाने पीने वाली जगह, बैनकुईट हाल, काफ़ी हाउस, विद्यार्थी संस्थायों, पार्कों और सिग्रेट और तम्बाकूनोशी का प्रयोग की मनाही की गई है।

श्री अमृतसर साहिब को पवित्र दर्जा देने की माँग काफ़ी देर से चल रही है अगर प्रशासन चाहे तो कानून को सख्ती के साथ लागू करके वैसे ही पवित्र बना सकता है परन्तु प्रसासन की नालायकी कारण ऐसा नहीं हो रहा । सरकार कानून तो बना देती हैं परन्तु लागू करने में प्रसासन पूरी तरह फेल है, यदि समय रहते  इस पर नथ न डाली गई तो इसके नतीजे इस वक्त चल रही करोना जैसी भयानक बीमारी से भी भयानक निकलेंगे जिसका अनुमान लगाना मुश्किल हो जायेगा।

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