एकांतवास और ‘होम आइसोलेशन’ में लापरवाही नहीं की जाएगी बर्दाशत
अमृतसर, 17 जून (पवित्रजोत): अतिरिक्त डिप्टी कमिशनर डा. हिमाशूं अग्रवाल ने स्पष्ट किया है कि कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए संदिग्ध व्यक्तियों, जिनमें विदेशों से आने वाले यात्री भी शामिल हैं, को घरों में एकांतवास करने के इलावा वह व्यक्ति जोकि कोविड-19 टैस्ट में पाज़ीटिव आए हैं, परन्तु उनमें कोविड के लक्षण जैसे कि ख़राब गला, खाँसी, ज़ुकाम, बुख़ार आदि नहीं हैं, को घरों में आईसोलेट किया जा सकता है। परंतु इसके लिए सेहत विभाग और सैक्टर मैजिस्ट्रेट की तरफ से घर की जांच की जायेगी। डा. हिमाशूं ने कहा कि इसके अतिरिक्त मरीज़ को घर में आईसोलेट करते समय इस बात का ध्यान भी रखा जाये कि उक्त मरीज़ को बलड प्रेशर, शूगर, किडनी, हाईपरटेंशन की कोई अन्य बीमारी न हो।
उन्होने कहा कि दोनों विभागों के अधिकारी सम्बन्धित के घर पहुँच कर यह बात यकीनी बनाएंगे कि उस घर में खुला माहौल, मरीज़ के लिए अलग कमरा, बाथरूम, साफ हवा आदि की पहुँच है कि नहीं। उन्होने कहा कि दोनों आधिकारियों की तरफ से यदि उक्त माहौल को मरीज़ के लिए उपयुक्त मान लिया जाता है तभी मरीज़ को घर में आइसोलेट किया जायेगा।
इस मुद्दे पर सेहत विभाग, सैक्टर मैजिस्ट्रेट, निजी अस्पतालों के प्रबंधकों के साथ की बातचीत में उन्होने कहा कि यह दोनों ऐसे विषय हैं, जिनमें कोताही बर्दाश्त नहीं की जा सकती। उन्होने कहा कि जो भी अधिकारी किसी घर को एकांतवास और आइसोलेशन के लिए उपयुक्त करार देगा, वह अपनी रिपोर्ट का ख़ुद ज़िम्मेदार होगा और किसी समय भी उसकी जांच की जाएगी। उन्होने कहा कि उक्त के इलावा सैक्टर मैजिस्ट्रेट समय-समय खुद जांच करेंगे कि क्या वह संदिग्ध व्यक्ति या मरीज़ दी हुई हिदायतों की पालना कर रहा है यां नहीं। उन्होने सेहत विभाग के अधिकारियों को हिदायत की कि मिशन फतेह के अंतर्गत उनकी टीमें भी सम्बन्धित घरों में समय-समय जाकर मरीज़ की सेहत का निरीक्षण करने के इलावा मरीज़ को मानसिक तौर पर मज़बूत करने के लिए उनकी कौंसलिंग करें। इस अवसर पर सिवल सर्जन डा. जुगल किशोर, डा. मदन मोहन व अन्य विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे।