अमृतसर 8दिसंबर (पवित्र जोत) : ले. कर्नल सतबीर सिंह वड़ैच (रीटा), ज़िला सुरक्षा सेवा भलाई अफ़सर, अमृतसर ने जानकारी देते बताया कि हथियारबंद सेना झंडा दिवस हर साल 07 दिसंबर को मनाया जाता है। सेना झंडा दिवस देश के उन अमर शहीदों की याद हमारे प्रत्येक के मन में ताज़ा करता है जिन्होंने अपना आज हमारे कल के लिए कुर्बान कर दिया। इस दिन सुरक्षा सेनाएं की तरफ से देश के लिए दीं बलिदान को याद किया जाता है जिसके साथ देश के लिए शहीद हुए सैनिकों के परिवारों को सहारा मिलता है और सेवा कर रहे सैनिकों के हौसले बुलंद होते हैं। देश की एकता और अखंडता को बरकरार रखने के लिए विशवयुद्ध, 1947, 1962, 1965, 1971 और 1999 के कारगिल युद्धों में सैनिकों ने काफ़ी शहादतें दी हैं जिन में पंजाबी सैनिकों की बलिदान ज़िक्रयोग्य हैं। देश के लिए शहीद और घायल हुए सैनिकों ने देश के लिए लड़ाई तो लड़ी थी परन्तु उनमें से बहुत पूर्व सैनिकों को पैंशन दिए बिना ही सेवा मुक्त कर दिया गया। ऐसे सैनिकों के परिवारों की देखभाल करना सरकार और समाज की प्राथमिक जिम्मेवारी बन जाती है। इस लिए इस दिन देश का हर नागरिक, विद्यार्थी से ले कर बड़े से बड़े उद्योगपति तक सब हथियारबंद सेना झंडा दिवस मना कर दिल खोल कर दान करते हैं। दान के तौर पर इकट्ठा किया हुआ पैसा राज्य सरकार के आर्म्ड फोरसज़ फ्लैग डे फंड में जमा किया जाता है। इस के साथ यह भी बताया जाता है कर 5000 /- रुपए या इस से अधिक दिया गया दान सैक्शन ८०7 अधीन कर मुक्त है।
डिप्टी कमिशनर, अमृतसर गुरप्रीत सिंह खेहरा ने इस दिन का अगाज किया और ले. सतबीर सिंह वड़ैच (रीटा) ज़िला रक्षा सेवाओं भलाई दफ़्तर, अमृतसर ने डिप्टी कमिशनर को फ्लैग लगाया और एक बुक्क (रण -योद्धे) भी प्रदान की और दफ़्तर में पहुंचे पूर्व सैनिकों, उनके आश्रितों और प्रशिक्षण कर रहे बच्चों को झंडा दिवस की जानकारी के साथ साथ दफ़्तर की ओर स्कीमों की जानकारी दी और स्कीमों सम्बन्धित पुस्तकें भी बाँटी गई।
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