सिंथैटिक डोर को बेचने, स्टोर करने और प्रयोग पर सख़्त पाबंदी

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अमृतसर, 16 नवंबर ( पवित्र जोत )-डिप्टी कमिशनर -कम -कार्यकारी मैजिस्ट्रेट अमृतसर गुरप्रीत सिंह खेहरा ने विवरण फ़ौजदारी 1973 की धारा 144 अधीन प्राप्त हुए अधिकारों का प्रयोग करते जिला अमृतसर के देहाती क्षेत्र में पड़ते थानों के इलाकों अंदर पतंग उडाने के लिए सिंथैटिक /प्लास्टिक की बनी डोर को बेचने, स्टोर करने और इस का प्रयोग पर पाबंदी के हुक्म जारी किये हैं।
जारी हुक्म में कहा गया है कि उनके ध्यान में आया है कि पतंग उड़ाने के लिए जो डोर का प्रयोग की जा रही है, वह सूती डोर से हट कर संथैटिक /प्लास्टिक की बनी हुई है जो कि बहुत मज़बूत, न टूटने योग्य है। उन्होंने कहा कि यह सिंथैटिक डोर पतंगबाज़ी समय पतंग उडाने वालों के हाथ और उंगलियाँ तक काट देती है। यहाँ तक कि साइकिल और स्कूटर चालकों के गले और कान कट जाते है, उड़ते पक्षियों के फंस जाने पर उनके मरने बारे काफ़ी घटनाएँ घटीं हैं। इसके इलावा इस डोर में फंसे पक्षियों की मौत होने पर वृक्षों पर रहने कारण बदबू के साथ वातावरण भी दीषित होता है। इस तरह सिंथैटिक /प्लास्टिक की बनी यह डोर जब पतंग उडाने के लिए इस्तेमाल की जाती है तो यह मानवीय जान और पक्षियों के लिए घातक सिद्ध होती है। इस डोर का प्रयोग रोकने के लिए पूरी सख़्ती के साथ इस से घटने वाले हादसों से बचाव हो सके। इसलिए यह पाबंदी लगानी ज़रूरी है। यह हुक्म सख्ती के साथ 2 जनवरी 2021 तक लागू रहेगा।

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