प्रातः 5 बजे से रात्रि 11 बजे तक ही होंगे मां चिंतपूर्णी के दर्शन
अमृतसर 14 अक्टूबर (राजिंदर धानिक) : 17 अक्तूबर से शुरू हो रहे चिंतपूर्णी नवरात्र मेलों के दौरान निजी लंगर लगाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। यह जानकारी देते हुए मंदिर आयुक्त एवं जिला दंडाधिकारी ऊना संदीप कुमार ने कहा कि कोविड-19 वायरस के संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन ऊना ने यह फैसला लिया है। उन्होंने लंगर लगाने वाली सभी संस्थाओं से सहयोग की अपेक्षा करते हुए कहा कि श्रद्धालुओं को कोरोना वायरस से बचाने के लिए लंगर न लगाएं और प्रशासन की मदद करें। उन्होंने कहा कि नवरात्र मेलों के अवसर पर मंदिर परिसर में हवन का आयोजन और कन्या पूजन पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
डीसी ने कहा कि मेले के दौरान श्रद्धालुओं के प्रसाद, नारियल व झंडा इत्यादि चढ़ाने के अतिरिक्त ढ़ोल नगाड़े, लाउड स्पीकर व चिमटा इत्यादि बजाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। डीसी ने बताया कि श्रद्धालु प्रात: 5 बजे से रात्रि 11 बजे तक ही दर्शन कर सकेंगे और दर्शन करने के लिये श्रद्धालुओं को दर्शन पर्ची एडीबी भवन, शंभू बैरियर, एडीबी पार्किंग और एमआरसी पार्किंग से प्राप्त हो सकेगी। इसके अतिरिक्त कोविड-19 वायरस की रोकथाम के लिए प्रत्येक श्रद्धालु की थर्मल स्कैंनिंग की जाएगी। उन्होंने श्रद्धालुओं का आहवान किया कि वे मंदिर में माल वाहक वाहनों में न आकर, बसों के माध्यम से ही आएं। उन्होंने कहा कि मंदिर प्रशासन द्वारा पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी तथा श्रद्धालु केवल चिन्हित स्थानों पर ही अपनी वाहन पार्क करें।
उन्होंने मंदिर आने वाले सभी श्रद्धालुओं से कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील करते हुए कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखें तथा मास्क का प्रयोग अवश्य करें। डीसी ने अपील की है कि बीमार, बुजुर्ग तथा बच्चे नवरात्र के दौरान मंदिर न आएं। साथ ही किसी भी व्यक्ति में अगर खांसी, जुकाम, बुखार या सांस लेने में दिक्कत जैसे लक्षण हैं तो वह भी मेलों में आने से परहेज रखें। उन्होंने कहा कि लक्षण वाले व्यक्तियों को आइसोलेट किया जाएगा।