अमृतसर 1 सितंबर (पवित्र जोत) – सावनी सीजन में पराली जलाने से रोकने के लिए उठाए जा रहे कदमों के तहत डिप्टी कमिशनर गुरप्रीत सिंह खेहरा के नेतृत्व में, कृषि विभाग के विशेषज्ञ किसानों को पराली के निपटाने के लिए मशीनों के उपयोग के साथ-साथ मशीनों की व्यवस्था के बारे में जानकारी दे रहे हैं ताकि किसान पराली जलाने से बचें। इसके अलावा कृषि विभाग ने किसानों के लिए स्थापित कॉल सेंटर में एक समर्पित टीम को तैनात किया है जो टोल फ्री नंबर 1800-180-1551 के माध्यम से पराली के निपटान के लिए मशीनरी के बारे में किसानों की जिज्ञासाओं और प्रश्नों को तुरंत हल करेगा। कृषि अधिकारी किसानों को समझा रहे हैं कि प्रदूषण फैलने से कोविड-19 की स्थिति बिगड़ सकती है।
एक मोबाइल ऐप से लैस यह अधिकारी फोन पर मकान मालिक को चेतावनी भी दे रहा था कि अगर उसने यह सुनिश्चित करने के लिए कदम नहीं उठाए कि पराली को जलाया ना जलाया जाए तो उसने राजस्व रिकॉर्ड में लाल रंग में दर्ज किया। इसके अलावा, मंडियों में बड़े होर्डिंग्स लगाने का भी निर्णय लिया गया है जहाँ किसानों को धान की बिक्री के लिए पहुँचना है।