अमृतसर 30 सितंबर (पवित्र जोत) – लगभग 5 साल पहले हुए बहिबल कलां गोलीकांड जिसमें श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी कांड में इंसाफ लेने के लिए शांत मयी धरने पर बैठी सिख संगत ऊपर पुलिस द्वारा कहर किया गया था इस कांड की जांच सरकार द्वारा गठित की गई ।एसआईटी द्वारा तत्कालीन डीजीपी सुमेध सैनी और सस्पेंड आईजी परमराज सिंह उमरानंगल को दोषी के रूप में नामजद करने से गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी कांड में इंसाफ मिलने की उम्मीद की किरण जागी थी ।उपरोक्त विचारों का प्रगटावा सिख स्टूडेंट फेडरेशन मेहता के राष्ट्रीय प्रधान अमरबीर सिंह ढोट सीनियर नेता गगनदीप सिंह लखबीर सिंह सेखों ने प्रेस नोट जारी करते हुए किया। उन्होंने कहा कि सीट में कम कर रहे मेहनती और अपनी काबिलियत के बलबूते पर जाने जाते कुंवर विजय प्रताप सिंह द्वारा किए गए सख्त प्रयत्नों की बदौलत ही यह जांच इस मुकाम तक पहुंची है इसी के साथ ही अपने घिनौने कारनामों के लिए जाने जाते पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी जैसे अधिकारी पर कार्रवाई करना दिलेरी वाला और प्रशंसनीय काम है । उन्होंने कहा कि यदि कुंवर विजय प्रताप जैसे काबिल अधिकारी को राजनीतिक दबाव से मुक्त करके अपनी भूमिका निभाने दी जाए तो इस केस में बहुत जल्दी इंसाफ की उम्मीद की जा सकती है।बहिब्ल