जम्मू-कश्मीर में पंजाबी भाषा को भी सरकारी भाषा की सूची में शामिल किया जाए : अश्वनी शर्मा

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अमित शाह को पत्र लिख अश्वनी शर्मा ने पंजाबी को जम्मू-कश्मीर की सरकारी भाषा ने शामिल करने की उठाई मांग

अमृतसर 12 सितम्बर ( पवित्र जोत), प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिख कर जम्मू-कश्मीर की स्थानीय भाषाओँ को सम्मान देते हुए आधिकारिक भाषा का दर्जा दिए जाने पर आभार जताते हुए पंजाबी भाषा को जम्मू-कश्मीर की आधिकारिक भाषाओं की सूची में शामिल करने का अनुरोध किया है I

अश्वनी शर्मा ने कहाकि केन्द्र सरकार द्वारा मानसून सत्र के दौरान “जम्मू-कश्मीर ऑफिशियल लैंगुएज बिल 2020” प्रस्तुत किया जा रहा है, जिसमें उर्दू, हिंदी, अंग्रेजी के साथ स्थानीय भाषाओँ कश्मीरी व डोगरी को जम्मू-कश्मीर की आधिकारिक भाषाओं में शमिल किया गया है । उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से मांग की कि पंजाबी भाषा को भी आधिकारिक भाषा के रूप में शमिल किया जाए, क्यूंकि जम्मू-कश्मीर में पंजाबी भी एक लोकप्रिय भाषा है । शर्मा ने कहाकि जम्मू-कश्मीर महाराजा रंजित सिंह के राज्य का अहम भाग रहा है और आज भी इस राज्य के लगभग 70 प्रतिशत लोग पंजाबी बोलते या समझते हैं I डोगरी भाषा पंजाबी भाषा की उपबोली है ।
अश्वनी शर्मा ने कहाकि पूरे विश्व में 11 करोड़ से भी ज्यादा पंजाबी बसते हैं और पंजाबी को जम्मू-कश्मीर की आधिकारिक भाषाओँ में शामिल किये जाने से सभी पंजाबियों को गर्व महसूस होगा I शर्मा ने कहाकि पिछले 6 वर्षों में मोदी सरकार द्वारा देश व जनता के हित में लिए गए फैसलों जैसे 1984 दंगों के आरोपियों को सजा, श्री करतारपुर साहिब कोरिडोर का निर्माण, श्री गुरु गोबिंद सिंह महाराज जी के 350 वें प्रकाश पर्व को मनाना, आंतकवाद के दौर में बनी काली सूची को खत्म करना, विदेशों में बस रहे पंजाबियों को पासपोर्ट मुहैया करवाने व अब सचखंड श्री हरिमंदिर साहिब की सेवा के लिए दुनिया में बसने वाले श्रद्धालुओं को अपना दसवंध भेजने की छूट देना आदि से पंजाबियों का दिल जीत लिया है । शर्मा ने मांग की कि अब पंजाबी भाषा को भी जम्मू-कश्मीर की अधिकारिक भाषा के रूप में शामिल किया जाए ।

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