जल स्रोत मंत्री द्वारा बाढ़ कंट्रोल रूम को ओर मज़बूत करने की ज़रूरत पर ज़ोर
अमृतसर, 25 जुलाई (पवित्रजोत): प्रदेश में बाढ़ से बचाव संबंधी प्रबंधों को ओर सूचारू बनाने के लिए पंजाब के जल स्रोत विभाग की तरफ से ड्रेनें की साफ़-सफ़ाई का 88 प्रतिशत काम पूरा कर लिया है। अब तक 1780.49 किलोमीटर ड्रेनों की सफ़ाई की जा चुकी है और बाढ़ से बचाव संबंधी 48 अन्य प्राजैकट प्रगति अधीन हैं और इनके इस महीने के अंत तक मुकम्मल होने की उम्मीद है। मानसून दौरान किसी भी असुखद स्थिति से निपटने के लिए दरियाओं के साथ लगते नाजुक स्थानों पर ई.सी. बैग भी भर कर रखे गए हैं। यह जानकारी पंजाब के जल स्रोत मंत्री सुखबिन्दर सिंह सरकारिया ने ड्रेनों की सफ़ाई और बाढ़ रोकू कार्यों का जायज़ा लेने बाद दी।
सरकारिया ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार इस मानसून सीजन दौरान बाढ़ से बचाव के लिए प्रभावशाली बाढ़ रोकू प्रणाली लागू करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही। उन्होने कहा कि प्रांतीय सरकार ने बाढ़ से बचाव संबंधी व्यापक प्रबंधों पर तकरीबन 50 करोड़ रुपए ख़र्च किये हैं और मानसून दौरान बचाव, राहत और पुर्नवास के कामों के लिए डिप्टी कमिश्नरों को 5 करोड़ रुपए और मुख्य इंजीनियर / ड्रेनेज को 5 करोड़ रुपए की राशि देने को मंज़ूरी दी हुई है।
स. सरकारिया ने बताया कि अब तक कुल प्रस्तावित 2018.79 किलोमीटर में से 1780.49 किलोमीटर ड्रेनों की सफ़ाई मुकम्मल हो चुकी है। उन्होने आगे बताया कि जल स्रोत विभाग की तरफ से बाढ़ से बचाव सबंधी 48 प्रोजैक्ट चलाए जा रहे हैं। यह सभी प्रोजेक्टों के जुलाई, 2020 के अंत तक मुकम्मल होने की संभावना है।
बाढ़ से बचाव संबंधी तैयारियाँ और रिस्पांस प्रणाली की समीक्षा करते जल स्रोत मंत्री ने अधिकारियों को बाढ़ कंट्रोल रूम को ओर मज़बूत करने और इसको ज़रुरी साधनों के साथ पूरी तरह लैस करने के लिए कहा जिससे किसी भी असुखद स्थिति के साथ तुरंत पूरा किया जा सके। उन्होंने अधिकारियों को ड्रेनों की सफ़ाई और बाढ़ से बचाव संबंधी चल रहे कार्यों को समय पर सफल करने के लिए आदेश भी दिए।