पंजाब में शिक्षा सुधार के लिए केजरीवाल ने अध्यापकों को दी 8 गारंटी

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केजरीवाल की चन्नी से अपील, तुरंत हल किये जाएँ अध्यापकों के मसले
अगर चन्नी ने टैंकियों पर चढ़े अध्यापकों की सुध न ली तो अगले चक्कर दौरान ख़ुद जाऊँगा धरने में: केजरीवाल

-‘आप’की सरकार बनने पर तुरंत पक्के होंगे कच्चे, आउटसोर्सिंग और ठेका आधारित टीचर: केजरीवाल

अमृतसर / चण्डीगढ़, 23 नवम्बर (शर्मा) : आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय कनवीनर और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने पंजाब के सरकारी स्कूलों और अध्यापकों की दयनीय हालत को बड़ी त्रासदी करार दिया है। केजरीवाल ने पंजाब अंदर व्यापक शिक्षा सुधारों के लिए अध्यापकों को 8 गारंटी दीं हैं और वायदा किया है कि 2022 में आम आदमी पार्टी की सरकार बनते ही इन 8गरंटियो को पहल के आधार पर अमल में लाया जायेगा। दिल्ली की तरह पंजाब की सरकारी स्कूल शिक्षा प्रणाली का मुकम्मल काया कल्प करने के लिए केजरीवाल ने समूह अध्यापकों को’आप’की मुहिम के साथ जुड़ने का न्योता भी दिया। आठ गरंटियों में पंजाब में शिक्षा के क्षेत्र में दिल्ली जैसा माहौल सृजन करना, आउटसोर्सिंग और ठेका भरती मज़ाकों को पक्का करना, पारदर्शी बदली नीति लागू करना, अध्यापकों से नान टीचिंग काम लेना बंद करना, खाली असामियाँ पर पक्की भर्ती करना, अध्यापकों को प्रशिक्षण के लिए विदेश भेजना, नयी तरक्कियों के लिए नयी पारदर्शी नीति लेकर आना और अध्यापकों और उनके परिवार के सदस्यों के लिए कैशलैस मैडीकल सुविधा देना शामिल है।
अरविन्द केजरीवाल मंगलवार को पार्टी राज्य प्रधान और संसद मैंबर भगवंत मान के साथ’गुरू की नगरी’के मीडिया के साथ रूबरू थे। इस मौके पार्टी के पंजाब मामलों के इंचार्ज जर्नैल सिंह और सह इंचार्ज राघव चड्ढा भी  मौजूद हैं।
केजरीवाल ने समाज के विकास पर उत्थान के लिए शिक्षा और अध्यापक के महत्व को अहम मानते पंजाब में’शिक्षा के लिए अच्छा माहौल’सृजन करने की पहली गारंटी दी। उन्होंने कहा कि जैसे दिल्ली में शिक्षा का अच्छा माहौल बनाया गया है, उसी तरह का माहौल पंजाब में बनाया जायेगा, जिस के अंतर्गत उच्च स्तरीय शिक्षा ढांचा बनाया जायेगा।

‘आप’सुप्रीमो अरविन्द केजरीवाल ने राज्य में शिक्षा के लिए अच्छा माहौल सृजन करने, व्यवस्था बदलने और नया पंजाब बनाने के लिए अध्यापकों को पार्टी के साथ जुड़ने अपील की।
केजरीवाल ने कहा कि पिछली सरकारों की नलायकियों के कारण पंजाब के सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे 24 लाख से अधिक बच्चों का भविष्य अंधकार में है, क्योंकि पंजाब में पढ़ाई के नाम की कोई चीज़ ही नहीं है। सरकारी स्कूलों के गेट पर कली -पोचा करके उनको स्मार्ट स्कूल बताया जा रहा है, जो कि बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।
इससे पहले राज्य प्रधान और संसद मैंबर भगवंत मान ने कहा कि समाज की तरक्की का मूल आधार स्कूल शिक्षा होती है, परन्तु पंजाब में सत्ताधारियों ने स्कूल शिक्षा का बेड़ा ही ग़र्क कर दिया। मान ने कहा कि दिल्ली के शिक्षा माडल ने विश्व स्तर पर मशहूर  है, जबकि पंजाब के स्कूलों को ताले लगाऐ जा रहे हैं। l

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