अमृतसर 25 जून (पवित्र जोत) : भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तरूण चुग ने स्वामी विवेकानन्द विचार गोष्ठी मंच के एक कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आज के दिन 25 जून 1975 को याद करते हुए भावुक होकर कहा कि भारतीय लोकतंत्र के सीने में धंसे आपातकाल के खूनी खंजर से बना नासूर और इससे निरंतर रिसता खून आंखों के आंसू को सूखने नहीं देता।
चुग ने कहा कि आपातकाल इतिहास का वह काला दिन है जिसकी कालिमा को किसी भी डिटर्जेंट से साफ कर पाना नामुमकिन है। 25 जून की इस काली रात को न केवल लोकतंत्र की नृशंस हत्या की गई बल्कि विश्व प्रसिद्ध राष्ट्रसंत स्वामी विवकेानन्द जी, गरीबों, दलितों, वंचितों के मसीहा एवं संविधान निर्माता डाॅ. भीमराव अम्बेडकर जी, सम्पूर्ण क्रांति के ध्वजवाहक लोकनायक जय प्रकाश नारायण, राष्ट्रीय स्वयंमसेवक संघ के नेता भारतरतन श्री नाना जी देशमुख, समाजवादी डाॅ राम मनोहर लाेिहया जी जैसे राष्ट्र मनीषियों के घोर अपमान के साथ-साथ उनके दर्शन, चिंतन, विचारों का गला भी घोंटा गया।
राष्ट्रीय महासचिव चुग ने कहा कि शुरू से ही भारत की सत्ता को अपना पुश्तैनी अधिकार मानने वाली कांग्रेस की तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदीरा गांधी ने न्यायालय में अपने प्रतिद्वंद्वी नेता राजनारायण से हुए अपनी पराजय को स्वीकार नही कर पाई और सुपर अहंकार की तुष्टी के लिए भारत की निरीह जनता पर जुल्मों के कहर ढाए।
चुग ने कहा कि भारतीय संविधान की धारा 352 के अधीन लगाए गए 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक की 21 महीने की अवधि के इस आपातकाल में चुनाव स्थगित कर सभी नागरिक अधिकारों को समाप्त कर दिया गया। जनता की सिसकियों पर भी प्रतिबन्द्ध लगा दिया गया।
महामंत्री चुग ने बताया कि श्रीमती इंदीरा गांधी ने न्यायालय का भयंकर उपहास किया, एक निरंकुश राजा की तरह समाज के जिस वर्ग या जिस व्यक्ति से भी इंदीरा गांधी को खतरा था उसे जले में डाल दिया गया। जिसने भी सर बाहर निकालने की जुर्रत की उसे गोलियों की सौगात दी गई। हजारों की संख्या में लोग हताहत हुए। पूरा देश ही जले में परिवर्तित कर दिया गया। चाहे पुरूष हों या महिलाएं, जलेों की यातनाएं अंग्रेजी हुकूमत से भी ज्यादा भयावनी थीं। लोगों को मशीन के दो पाटों के बीच दबाकर उनकी हड्डियां तोड़ दी गईं। कई विरोधियों को फांसी तक पर चढ़ा दिया गया।
मानवता को शर्मसार कर देने वाली कांग्रेस के इन कारनामों को बताते हुए चुग भावकु हो गए और कहा कि लोगों को जबरन पकड़कर उनकी इच्छा के विरूद्ध उनकी नसबंदी कर सदा के लिए उनके पुरूषत्व को छीन लिया गया। अपनी मर्जी के कानून संशोधित कर पास करवा लिए गए। संविधान और कानून को खूब तोड़ा-मरोड़ा गया। मीडिया का भयानक उत्पीड़न एक उदाहरण बन गया। वकील जज पत्रकार बुद्धिजीवि समाज का कोई वर्ग इसके क्रूर पंजो से नहीं बच पाया।
चुघ ने कहा की प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री श्री अमित शाह एवम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जे.पी नड्डा के आह्वान पर भारतीय जनता पार्टी प्रत्येक वर्ष की तरह इस बार भी 25 जून को लोकतंत्र के लिए काला दिन बताते हुए पुरे देश में कांग्रेस पार्टी व गाँधी परिवार की तानाशाही सोच का पर्दाफाश करेगी।