चंडीगढ़/अमृतसर, 16 दिसंबर(राजिंदर धानिक) : केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने तीन कृषि संशोधित बिलों पर बात करते हुए कहा कि केंद्र ने किसानों की उन सभी प्रमुख चिंताओं का निवारण किया है, जो किसानों ने पहले उठाई थीं जैसे एमएसपी या मंडियों की । लेकिन अगर किसानों के पास कोई और शिकायत है तो केंद्र सरकार उनके साथ आगे की बातचीत करने के लिए भी तैयार है। उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा सभी मांगों को मानने के बाद तीनों विधेयकों को निरस्त करने की मांग की जा रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र अभी भी बातचीत करने के लिए हर समय तैयार है। पुरी ने वर्चुअल सम्मेलन में संबोधित करते हुए कहा कि पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों के रूप में प्रकाश सिंह बादल और भूपिंदर सिंह हुड्डा ने यूपीए सरकार के समय में कैसे दोनों ने कृषि क्षेत्र में विपणन में सुधारों का समर्थन किया था। जबकि सभी सुधारों पर लंबे समय से बहस और चर्चा हो रही थी। अब जब एनडीए सरकार ने कानून बनाया है, तो बादल और हुड्डा दोनों इसका विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब विधेयक को संसद में चर्चा के लिए लाया गया तो सदन द्वारा दो मतों, एमएसपी और मंडियों पर आशंका व्यक्त की गई। दोनों मामलों में सरकार ने सदन को आश्वासन दिया था कि एमएसपी और मंडियां हमेशा की तरह काम करती रहेंगी। एमएसपी पर भ्रामक धारणा को दूर करने के लिए केंद्र ने इस बार उच्च दर पर धान की खरीद को रोक दिया और पिछले वर्ष की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक खरीद की। उन्होंने कहा कि केंद्र ने किसान नेताओं के साथ अब तक चार दौर की बातचीत की है और आगे भी बातचीत के लिए तैयार है। पुरी ने कहा कि सभी किसान नेता इस बात से सहमत हैं कि उनकी शिकायतों का समाधान कर दिया गया है, लेकिन विपक्षी व असमाजिक तत्वों द्वारा उन पर दबाव डाला जा रहा है कि वे अपना आंदोलन वापस न लें। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल किसानों को भड़का रहे हैं और उनके विरोध को बढ़ाने के लिए भ्रामक प्रचार कर रहे हैं। एक भ्रामक प्रचार किया जा रहा है कि किसानों की भूमि को अनुबंध प्रणाली में कैद कर लिया जाएगा। यह पूरी तरह से गलत धारणा है। बिल किसान की उपज के बारे में बात करते हैं, उसकी जमीन के बारे में नहीं। उन्होंने कहा कि बिल वास्तव में किसानों को सशक्त बनाता है और उनके सभी हितों की रक्षा करता है। पंजाब भाजपा के अध्यक्ष अश्विनी शर्मा और महासचिव जीवन गुप्ता व डॉ. सुभाष शर्मा ने किसानों को आश्वस्त किया कि भाजपा उनके हितों की रक्षा करेगी और उन्हें अपना आंदोलन वापस लेना चाहिए और अपनी शंकाओं को हल करने के लिए बातचीत करनी चाहिए।