अमृतसर/ चंडीगढ़: 11 दिसंबर (पवित्र जोत ) : भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने कृषि बिलों पर विपक्ष व असमाजिक तत्वों द्वारा किये जा रहे भ्रामक और तथ्यहीन प्रचार के कारण किसानों के घोर गलतफहमी का शिकार होने पर खेद व्यक्त किया है। केंद्र द्वारा किसान नेताओं की आपत्तियों को ध्यान में रखते हुए सात संशोधनों का वादा करने के बाद किसानों से अपना विरोध वापस लेने का आग्रह करते हुए चुघ ने कहा कि किसानों को झूठे प्रचार से गुमराह नहीं होना चाहिए। केंद्र सरकार द्वारा दिए गए सात बिन्दुओं जिसमें एमएसपी और मंडियां आदि शामिल हैं, को जारी रखने की बात कही गई है, किसानों को सभी संदेहों को वार्ता के जरिये दूर करना चाहिए और उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व पर विश्वास करना चाहिए। तरुण चुघ ने कहाकि मोदी सरकार किसानों को ईमानदारी से सशक्त बना रही है ताकि उनकी आय दोगुनी हो और कृषि व्यवसाय लाभदायक बने। चाहे वह किसानों के बैंक खातों में सीधे पैसा ट्रांसफर करने का निर्णय हो, एमएसपी बढ़ाने या किसानों के लिए पेंशन योजना, हमारा ध्यान सिर्फ किसानों को सशक्त बनाने पर रहा है। चुघ ने कहा कि ये सुधार कृषि क्षेत्र में निवेश को बेहतर बनाने, सुनिश्चित कीमतों और कृषि सेवाओं को और उत्कृष्ठ बनाने के अनुबंधों के माध्यम से बढ़ावा देंगे। अनुबंध खेती में, फसल बोने से पहले ही किसान और खरीदार के बीच समझौता किया जाता है। किसान पहले से ही जानता है कि उसे अपनी फसल के लिए एमएसपी क्या मिल सकता है। इसलिए, किसान एमएसपी से ऊपर की कीमत पर बातचीत करेगा। तरुण चुघ ने कॉरपोरेट घराने द्वारा किसानों की जमीन हड़पने के भ्रामक प्रचार पर पलटवार करते हुए कहा कि कोई भी कॉर्पोरेट हाउस या निजी खरीदार किसी किसान की जमीन को छू भी नहीं सकते हैं। इन सुधारों के प्रभाव से भारत में कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों में बढ़ा बदलाव आएगा । निजी क्षेत्र के निवेश पूरे कोल्ड चेन में घटेंगे, घाटे को कम करेंगे और किसानों के लिए बेहतर कीमतें सुनिश्चित करेंगे। किसान उत्पादक संगठनों के माध्यम से किसानों को एक साथ लाने से छोटे किसानों के लिए भी क्षमता और अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाया जा सकेगा। तरुण चुघ ने कहा कि नए बिलों के तहत किसानों को देश में कहीं भी अपनी उपज बेचने की आजादी मिली है। हमारा मसकद किसान कल्याण सुनिश्चित करना और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करना है। इन फैसलों ने किसान को एक उत्पादक के रूप में और उसकी उपज को एक उत्पाद के रूप में पहचान दी है। अब, किसानों को एक बड़े बाजार में खुद को विकसित करने में मदद की जा रही है। चुघ ने किसानों से अपने रुख की समीक्षा करने व राष्ट्र के हित में तथा अपनी समृद्धि व सशक्तिकरण को ध्यान में रख कर अपना विरोध वापस लेने का आग्रह किया।